देवरिया | ग्रामीण क्षेत्र के घरों में उजाले के लिए जलने वाली ढिबरी की रोशनी पर भी कटौती का ग्रहण लग गया है। बिजली की कटौती के साथ लालटेन की रोशनी घटने से पढ़ाई तो दूर अब भोजन करना भी लोगों को भारी पड़ रहा है। शासन द्वारा मिट्टी के तेल में लगातार की गई कटौती 60 से 70 फीसद तक पहुंच गई है। कटौती से परेशान लोग इसके विकल्प की तलाश में बिजली के भरोसे हो गए, लेकिन अब बिजली कटौती भी भारी पड़ने लगी है। कोटेदारों द्वारा कम मिट्टी का तेल देने पर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जा रही है। दुकानदार लोगों की पीड़ा से वाकिफ होने बाद भी शासन के फरमान से बंधे होने की वजह से उनके जख्म पर मरहम लगाने में खुद को असहाय पा रहे हैं।