जम्मू में एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन हमले और उसके बाद की घटनाओं के मद्देनजर सरकार सैन्य प्रतिष्ठानों में एंटी ड्रोन तकनीक की तैनाती पर जल्द फैसला ले सकती है। इजरायल के एंटी ड्रोन सिस्टम स्मश 2000 प्लस को लेकर पहले ही रक्षा बलों की प्रक्रिया चल रही है जिसे आपात रूट से अब तत्काल खरीदे जाने की संभावना है।
रक्षा सूत्रों ने कहा कि स्मश 2000 प्लस उपकरण को राइफल पर फिट किया जाता है तथा इससे उड़ते ड्रोन को लक्ष्य कर निशाना साधा जा सकता है। नौसेना पहले ही इसकी खरीद की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है। अब वायुसेना और सेना के लिए भी इस तकनीक को लिए जाने की संभावना है। दरअसल, ड्रोन को अक्सर राडार पर पकड़ पाना मुश्किल होता है। खासकर तब जब वह कम ऊंचाई पर उड़ान भर रहे होते हैं। ऐसे में सुरक्षाकर्मी ऐसे ड्रोन पर निगाह रख सकते हैं और नजदीक आने पर उसे नष्ट कर सकते हैं।
एके 47 या अन्य किसी भी राइफल पर इसे फिट किया जा सकता है। यह मूलत एक इलेक्ट्रो ऑप्टिकल साइट सिस्टम है। उपकरण दिन में ही नहीं रात में भी ड्रोन, बैलून या पतंग को डिटेक्ट कर सकता है तथा 120 मीटर की गति पर भी उस पर निशाना लगाने में मदद प्रदान करता है।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि सभी सैन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में तैनात बलों को यह सिस्टम उपलब्ध कराने पर पहले ही विचार चल रहा था। लेकिन अब जम्मू की घटना के बाद सरकार इस पर तुरंत निर्णय कर सकती है। रक्षा मंत्रालय ने तात्कालिक जरूरत के उपकरणों की खरीद के लिए सेनाओं के प्रमुखों को भी अलग से खरीद के अधिकार दे रखे हैं।