गौतमबुद्ध नगर में हाई स्पीड ट्रेन (बुलेट ट्रेन) के काम की तैयारी शुरू हो गई है। बुलेट ट्रेन का दिल्ली-वाराणसी कॉरिडोर गौतमबुद्ध नगर से भी होकर गुजरेगा। इसके लिए जिले में 160.81 हेक्टेयर भूमि की जरूरत होगी। 60.19 हेक्टेयर जमीन किसानों से ली जाएगी। बाकी जमीन सरकारी उपलब्ध है। बुलेट ट्रेन का एक स्टेशन नोएडा और दूसरा स्टेशन जेवर एयरपोर्ट के पास बनेगा। इससे जेवर एयरपोर्ट की दिल्ली की कनेक्टिवटी बढ़ जाएगी। दिल्ली से यात्री 21 मिनट में जेवर एयरपोर्ट पहुंच जाएंगे।
बुलेट ट्रेन के दिल्ली-वाराणसी कॉरिडोर को लेकर एडीएम प्रशासन दिवाकर सिंह ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस परियोजना के लिए जिले में 160.81 हेक्टेयर भूमि की जरूरत होगी। इसमें से 60.19 हेक्टेयर भूमि किसानों से खरीदी जाएगी। शेष भूमि सरकारी होगी। उन्होंने बताया कि किसानों से आपसी समझौते के आधार पर जमीन खरीदने के निर्देश दिए गए हैं। एडीएम ने बताया कि परियोजना से प्रभावित किसानों को 2013 के जमीन अधिग्रहण कानून के लाभ मिलेंगे। बैठक में नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों ने परियोजना की विस्तृत जानकारी साझा की। बैठक में किसानों ने भी हिस्सा लिया।
एक्सप्रेसवे के किनारे से जाएगा कॉरिडोर
गौतमबुद्ध नगर में एक्सप्रेसवे के किनारे-किनारे यह कॉरिडोर जाएगा। नोएडा में नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे और फिर यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे आगरा तक यह कॉरिडोर जाएगा। यही कारण है कि इस परियोजना के लिए 70 प्रतिशत जमीन पहले से ही मौजूद है
गौतमबुद्ध नगर में होंगे दो स्टेशन
दिल्ली में सराय काले खां से बुलेट ट्रेन चलने के बाद नोएडा में सेक्टर-148 पहला पड़ाव होगा। इसके बाद जेवर एयरपोर्ट में रुकेगी। करीब 62.5 किलोमीटर की यह दूरी करीब 21 मिनट में तय हो जाएगी, जबकि जेवर से आगरा 33 मिनट में पहुंच जाएंगे। प्रयास किया जा रहा है कि एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग में ही बुलेट ट्रेन का स्टेशन बनाया जाए। इस कॉरिडोर पर गौतमबुद्ध नगर ऐसा अकेला जिला होगा, जिसमें दो स्टेशन बनाए जाएंगे।
दिल्ली से वाराणसी चार घंटे में पहुंचेंगे
प्रारंभिक रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली-वाराणसी रूट पर नोएडा सेक्टर-148, जेवर एयरपोर्ट, मथुरा, आगरा, कन्नौज, इटावा, लखनऊ, रायबरेली, प्रयागराज व भदोही में ट्रेन रुकेगी। इस रूट का आखिरी स्टेशन वाराणसी होगा। दिल्ली से लखनऊ तक 2.5 घंटे और दिल्ली से वाराणसी तक पहुंचने में चार घंटे का समय लगेगा।
चार चरणों में पूरी होगी परियोजना
इस परियोजना को चार चरणों में पूरा करने की तैयारी है। पहला चरण दिल्ली से आगरा, दूसरा चरण आगरा से लखनऊ, तीसरा चरण लखनऊ से प्रयागराज और चौथा चरण प्रयागराज से वाराणसी तक का होगा।
आंकड़ों में परियोजना
लंबाई- 865 किमी
गति- 320 किमी प्रति घंटा
लागत- 1.21 लाख करोड़