नई दिल्ली। दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने के लिए रेल प्रशासन ने सड़कों से ट्रकों की भीड़ खत्म करने की योजना तैयार की है। अब ट्रकों को मालगाड़ी पर लाद कर दिल्ली की सीमा से बाहर ले जाया जाएगा। इस योजना को रो-रो (रोल ऑन रोल ऑफ) कहा जाता है।
रो-रो योजना की शुरुआत फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर होगी। 2 मार्च को रेल मंत्री सुरेश प्रभु इसकी घोषणा कर सकते हैं। उस दिन पटेल नगर रेलवे स्टेशन से ट्रकों को लेकर मालगाड़ी रवाना होगी। अधिकारियों का कहना है कि पायलट प्रोजेक्ट में गुरुग्राम से दिल्ली होते हुए उप्र के मुरादनगर की ओर रो-रो ट्रेन चलाने की योजना है। सबकुछ ठीक रहा तो इस योजना को जल्द ही लागू किया जाएगा।
माना जा रहा है कि अगर योजना सफल रहती है तो प्रदूषण व सड़क पर जाम से राहत मिलने के साथ ही व्यापारियों को भी लाभ होगा। माल से भरे ट्रक की दिल्ली के बाहर दिन भर खड़े रहने की बाध्यता भी खत्म हो जाएगी।
बता दें कि इस तरह की सेवा कोंकण रेलवे में भी सफलतापूर्वक चल रही है। वहां लगभग 800 किलोमीटर लंबी दूरी रो-रो ट्रेन तय करती है। बिहार में बिहटा से मुजफ्फरपुर तक पिछले वर्ष यह सेवा शुरू की गई थी। सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट के अनुसार दिल्ली से प्रतिदिन 1.15 लाख ट्रक गुजरते हैं।
दिल्ली में 127 एंट्री गेटों से रोज आने वाले ट्रकों की संख्या 52,146 है। यहां वाहनों से होने वाले प्रदूषण का 30 फीसद हिस्सा बाहर से आने वाले ट्रकों से होता है। बाहर से आने वाले ट्रकों के प्रवेश को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
इन पर ग्रीन टैक्स लगाने के साथ ही सुबह छह से रात 12 बजे तक दिल्ली में प्रवेश पर रोक लगाई गई है। ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के काम में भी तेजी लाई जा रही है, जिससे कि दिल्ली में प्रवेश किए बगैर ट्रक बाहर से निकल जाएं।
रेलवे ने पहले ‘रो-रो’ योजना शुरू करने से कर दिया था इन्कार
दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश को रोकने के लिए वर्ष 2015 में नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) में याचिका लगाकर रो-रो सेवा शुरू करने की मांग की गई थी। उस समय रेल प्रशासन ने इससे इन्कार कर दिया था, लेकिन, अब वह इस योजना पर काम करने के लिए तैयार हो गया है।