शायद ही कोई ऐसा दिन या फिर समय गुजरता हो जब लोगों को जाम की समस्या से दो-चार न होना पड़ता हो। गुरुवार को भी जिला मुख्यालय के फैजाबाद रोड, पुराने तहसील तिराहा, नई सड़क, पंडाटोला से शहजादपुर चौक, सब्जी मंडी, मालीपुर चौराहा, दोस्तपुर चौराहा, अकबरपुर बस स्टेशन क्षेत्र व पुराने तहसील तिराहा के निकट पूरे दिन रुक-रुककर जाम लगता रहा।
इसमें कभी एंबुलेंस फंसता तो कभी छात्र-छात्राएं जाम से निकलने का प्रयास करते दिखे। जाम में फंसने से एक तरफ जहां तमाम छात्र-छात्राओं को विलंब से विद्यालय पहुंचकर शिक्षकों की डांट सुननी पड़ी, वहीं निजी व सरकारी कार्यालयों में कर्मचारी भी विलंब से पहुंचे।
उधर लगातार जाम में फंस रहे लोगों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जाम की समस्या से राहत दिलाने को लेकर न तो संबंधित अधिकारी और न ही जनप्रतिनिधि ही गंभीर हो रहे हैं। इसका खामियाजा प्रतिदिन आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
शिक्षक रामकेश वर्मा व शकुंतला ने कहा कि घर से वे प्रतिदिन समय से आधा घंटे पहले निकलते हैं लेकिन जाम में फंसने के चलते अक्सर विद्यालय विलंब से पहुंचते हैं। छात्र रजनीश व छात्रा सुप्रिया ने कहा कि अक्सर जाम में फंसने से विद्यालय विलंब से पहुंचते हैं, जिससे उन्हें शिक्षक की डांट सुननी पड़ती है।
जिला मुख्यालय पर यातायात प्रबंधन की चुनौती संभालने वाला पुलिस का ट्रैफिक अनुभाग मैनपॉवर के संकट से जूझ रहा है। इसके चलते भी यातायात को पटरी पर लाने की कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं। इन दिनों 6 यातायात पुलिसकर्मियों की कमी चली आ रही है। पूर्व में पुलिस प्रशासन ने 10 अतिरिक्त पुलिसकर्मी ट्रैफिक अनुभाग को भेजे जाने की घोषणा की थी लेकिन उस पर भी अमल नहीं हो सका।
इसके चलते स्थिति में लगातार अवरोध उत्पन्न हो रहा है। जाम का संकट प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। इसके बावजूद प्रशासन न तो मैनपॉवर की तरफ ध्यान दे रहा है और न ही अस्थायी अतिक्रमण हटवाने की तरफ।
नतीजतन जाम के इस संकट का खामियाजा लगातार आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। एडीएम रामसूरत पांडेय ने बताया कि जिला मुख्यालय पर जाम की समस्या दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। नो-एंट्री का समय बढ़ाए जाने से काफी हद तक समस्या से राहत मिली है। शीघ्र ही अभियान चलाकर अस्थाई अतिक्रमण हटाया जाएगा।