मानकाें को नजर अंदाज कर क्षमता से अधिक स्कूली वाहनों में बच्चो ंको बैठाया जा रहा है। एटा में हुए हादसे के बाद शुक्रवार को डीएम भानुचंद्र गोस्वामी के निर्देश पर चलाए गए अभियान में 14 गाड़ियों का चालान किया गया और चार गाड़ियां सीज कर दी गईं।
स्कूली सफर में संचालक बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। जिले में तकरीबन 700 गाड़ियां स्कूली वाहनों के नाम पर रजिस्टर्ड हैं। जबकि दो हजार से अधिक वाहन चल रहे हैं। न तो इनका फिटनेस है और नही कोई कागज ही है। डग्गामार बसों से बच्चों को ढोया जा रहा है।
जो स्कूली वाहनों के लिए मानक होने चाहिए उसका पालन नही किया जा रहा है। न तो कोई फर्स्ट एड बाक्स है और न ही खिड़कियों में राड लगा है। चालकों के पास ड्राइविंग लाइसेंस तक नही है। परिवहन विभाग द्वारा कभी कोई अभियान नही चलाया जाता।
जिससे इनका मनोबल बढ़ता जा रहा है। एटा हादसे के बाद परिवहन विभाग के यात्री कर अधिकारी (पीटीओ ) मानवेंद्र सिंह ने अभियान चलाकर 14 गाड़ियों का चालान किया और चार गाड़ियों को सीज कर दिया। उन्होंने कहा कि अभियान जारी रहेगा। ऐसे स्कूली वाहनों के खिलाफ कार्रवाई होगी।