बलिया विधानसभा सीट से बसपा प्रत्याशी नारद राय चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं। वह करीब तीन दशक से चुनावी राजनीति में सक्रिय हैं और कई बार चुनाव लड़े तथा जीते भी हैं। फेफना विधानसभा सीट से अंबिका चौधरी इस बार बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। वह इस सीट पर पिछले दो दशक से अधिक समय से चुनाव लड़ रहे हैं, जिसमें लगातार चार बार विधायक भी रहे हैं।
सपा-कांग्रेस गठबंधन में फेफना विस सीट से प्रत्याशी संग्राम सिंह यादव ताल ठोंक रहे हैं, जो चिलकहर विधानसभा सीट से विधायक भी रहे हैं। वह भी पिछले दो दशक से अधिक समय से राजनीति कर रहे हैं। रसड़ा विधानसभा सीट की बात की जाए तो यहां भाजपा प्रत्याशी रामइकबाल सिंह हैं, जो पूर्व में चिलकहर सीट से चुनाव जीते थे।
बेल्थरारोड विधानसभा सीट से बसपा प्रत्याशी घूरा राम चुनाव मैदान में उतरे हैं, जो पूर्व में रसड़ा विधानसभा सीट से विधायक भी रहे हैं, वह भी पिछले दो दशक से अधिक समय से चुनाव लड़ते आ रहे हैं। सिकंदरपुर विधानसभा सीट की बात की जाए तो सपा प्रत्याशी मुहम्मद रिजवी चुनाव मैदान में उतरे हैं, जो पिछले लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं।
बांसडीह विधानसभा सीट से सपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे रामगोविंद चौधरी करीब तीन दशक से चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार फिर चुनाव मैदान में उतरकर जीत की हुंकार भर रहे हैं। बलिया के सातों विधानसभा सीटों पर इस बार अलग-अलग पार्टियों से चुनाव लड़ रहे दिग्गजों की जीत के साथ प्रतिष्ठा भी दाव पर लगी हुई है। नए एवं युवा चेहरों के बीच चुनाव जीतने उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगी।