बरसों बाद जर्मनी बाढ़ से इस कदर बेहाल है। देश के पश्चिमी हिस्से में भयंकर बाढ़ ने जहां कम से कम 103 लोगों की जान ले ले ली है तो वहीं एक हजार से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। इस बीच एक और बांध में दरार आने से संगट बढ़ता दिख रहा है।
उत्तरी रिने वेस्टफालिया और राइनलैंड-पैलेटिनेट में उफनाई नदियों का पानी कस्बों और गांवों में घुस चुका है। राइनलैंड-पैलेटिनेट की प्रीमियर मालु ड्रेयर ने प्रसारक ZDF को बताया, ”दिक्कतें लगातार बढ़ती जा रही हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि केवल उनके राज्य में 50 से अधिक लोगों की जान गई है। बुनियादी ढांचें पूरी तरह नष्ट हो गए हैं और पुननिर्माण पर काफी पैसा खर्च करना होगा।
पड़ोसी राइने-वेस्टफालिया के अहरवीलर जिले में करीब 1300 लोग लापता हैं। बाढ़ग्रस्त कई इलाकों में मोबाइल नेटवर्क ठप पड़ चुके हैं। इस वजह से लोग अपनों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। एर्फ़्टस्टाट में कोलोगने के पास शुक्रवार सुबह कई मकान गिर पड़े और बचावकर्मियों को लोगों को बचाने में काफी संघर्ष करना पड़ा। लोग चेतावनी के बावजूद अपने घरों में चले गए थे।
बताया जा रहा है कि बडी संख्या में लोग अभी भी अपने घरों में फंसे हुए हैं और कई लापता हैं। राहत और बचाव कार्य में गैस लीक से परेशानी उत्पन्न हो रही है। बेल्जियम की सीमा के पास एक बांध रातभर में लबालब हो गया तो कई और बांध टूट चुके हैं। 1962 के बाद पहली बार किसी प्राकृतिक आपदा में जर्मनी में इतने लोग मारे गए हैं। इससे पहले 1962 में आई बाढ़ में 340 लोग मारे गए थे।