दरभंगा एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए स्मार्ट पुलिसकर्मियों की तलाश हो रही है। पिछले वर्ष दरभंगा एयरपोर्ट से हवाई सेवा शुरू हुई है। यहां सुरक्षा में बिहार सैन्य पुलिस के जवानों की तैनाती होनी है। मामला एयरपोर्ट से जुड़े होने के चलते न सिर्फ तेज-तर्रार पुलिसकर्मियों की तलाश है बल्कि वैसे जवान ढूंढे जा रहे हैं, जिन्हें अंग्रेजी भी आती है।
दरभंगा एयरपोर्ट की सुरक्षा बिहार पुलिस के जिम्मे होगी। यहां सैन्य पुलिस के जवानों को तैनात किया जाएगा। बीएमपी बटालियन के कमांडेंट को इसके लिए पत्र लिखा गया है। एयरपोर्ट पर तैनाती के लिए इच्छुक जवान आवेदन दे सकते हैं। हालांकि ऐसे-वैसे जवानों की तैनाती एयरपोर्ट की सुरक्षा में नहीं की जाएगी। फिटफाट होने के साथ कुछ अन्य शर्तें की होंगी। जो पुलिसकर्मी इसे पूरा करेंगे उन्हें ही वहां तैनात किया जाएगा।
40 वर्ष से कम होनी चाहिए उम्र
यहां उन्हीं पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा, जिनकी उम्र 40 वर्ष कम है। उनकी योग्यता इंटर और उससे अधिक होनी चाहिए। इन सब के साथ उन्हें तैनाती में ज्यादा महत्व दिया जाएगा, जिन्हें अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान होगा। चूंकि एयरपोर्ट पर कई तरह के कागजात चेक करने होते हैं, लिहाजा सुरक्षाकर्मियों को अंग्रेजी का ठीक-ठाक ज्ञान होना जरूरी है। कमांडेंट से सप्ताह भर में ऐसे पुलिसकर्मियों की लिस्ट बीएमपी मुख्यालय को भेजने का निर्देश दिया गया है। पुरूषों के अलावा वहां महिला पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की जानी है।
सीआईएसएफ देगी ट्रेनिंग
देश के बड़े एयरपोर्ट की सुरक्षा केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जिम्मे है। दरभंगा एयरपोर्ट की सुरक्षा बिहार पुलिस को दी गई है। जल्द ही वहां बीएमपी जवानों को तैनात किया जाएगा। इन्हें सीआईएसएफ द्वारा ट्रेनिंग भी दिलाई जाएगी। हालांकि बीएमपी जवानों की यह तैनाती बिहार की खुद की औद्योगिक सुरक्षा बल के तैयार होने तक रहेगी। इस बटालियन को सरकार की स्वीकृति मिल गई है और इसके के लिए बहाली की प्रक्रिया जारी है। जब यह बटालियन अस्तित्व में आ जाएगी तो दरभंगा एयरपोर्ट की सुरक्षा इसी बटालियन को सौंप दी जाएगी।
दरभंगा एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए जवानों का चयन किया जा रहा है। चयनित जवानों को सीआईएसएफ से ट्रेनिंग भी दिलाई जाएगी। चूंकि सीआईएसएफ को एयरपोर्ट की सुरक्षा में विशेषज्ञता प्राप्त है, इसलिए उनसे ट्रेनिंग दिलाई जाएगी। राज्य पुलिस के औद्योगिक सुरक्षाबल के तैयार होने पर यह जिम्मेदारी उसी बटालियन के जवानों को दी जाएगी।