दुनियाभर में यह उम्मीद की जा रही है कि जल्द से जल्द टीकाकरण के बाद कोरोना वायरस कमजोर पड़ेगा और जिंदगी एक बार फिर से पटरी पर लौटेगी। हालांकि, ऐसा निकट भविष्ट में मुश्किल लग रहा है। कोरोना संक्रमण ने एक बार फिर से कई देशों में हाहाकार मचाना शुरू कर दिया है। दक्षिण अफ्रीका इसका ताजा उदाहरण है, जहां शनिवार को कोरोना के 26 हजार नए मामले दर्ज किए गए। देश में अब तक एक दिन के अंदर इतने ज्यादा नए केस दर्ज नहीं किए गए थे।
कोरोना संक्रमण में बढ़ोतरी ने दक्षिण अफ्रीका की स्वास्थ्य व्यवस्था को खस्ताहाल में पहुंचा दिया है। अस्पतालों में बिस्तर के साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों की भी कमी हो गई है, जिसके बाद मजबूर होकर सरकार को आंशिक लॉकडाउन लगाना पड़ा है।
दक्षिण अफ्रीका के नेशनल डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ के मुताबिक देश में कोरोना से कुल संक्रमितों का आंकड़ा अब 2 लाख को पार कर गया है तो वहीं 61 हजार 500 लोग अभी तक इससे जान गंवा चुके हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में अभी तक 33 लाख लोगों को कोरोना रोधी टीका दिया गया है, जो कि कुल आबादी का 5 फीसदी हिस्सा है।
महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक देश में कुल 17 लाख लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं। दक्षिण अफ्रीका में संक्रमण के मामले बढ़ने के पीछे टीकाकरण की धीमी गति को बड़ी वजह माना जा रहा है। इसी साल सरकार को दूषित हो चुकी जॉनसन ऐंड जॉनसन की 20 लाख कोरोना वैक्सीन नष्ट करनी पड़ी थी।
टीके की किल्लत से निपटने के लिए दक्षिण अफ्रीका ने शनिवार को चीन की सिनोवैक वैक्सीन को भी मंजूरी दे दी थी। बता दें कि दक्षिण अफ्रीका में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के पीछे डेल्ट वैरिएंट को वजह माना जा रहा है। देश के स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि इस बार संक्रमण दूसरी लहर से भी ज्यादा फैल सकता है।