राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के डीएनए वाले बयान पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने चुटकी ली है। दिग्विजय सिंह ने मोहन भागवत पर निशाना साधा है और पूछा है कि अगर हिन्दू-मुस्लिम सबका डीएनए एक ही तो इस हिसाब से मोहन भागवत और ओवैसी का डीएनए भी एक ही होगा। राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगर हिंदुओं और मुसलमानों का डीएनए एक ही है, तो धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून का क्या फायदा?।
दरअसल, बीते दिनों आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा था कि भारत में रहने वाले सभी लोगों का डीएनए एक है, भले ही वे किसी भी धर्म के हों। वह राष्ट्रीय मुस्लिम मंच द्वारा गाजियाबाद में ‘हिन्दुस्तानी प्रथम, हिन्दुस्तान प्रथम’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
मोहन भागवत के इसी बयान पर दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश के सीहोर में तंज कसा और कहा कि अगर हिंदुओं और मुसलमानों का डीएनए एक ही है, तो धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून का क्या मतलब? ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून का क्या फायदा? तो इसका मतलब है कि मोहन भागवत और ओवैसी का डीएनए एक ही है।
दरअसल, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में 4 जुलाई को मोहन भागवत ने कहा था कि हिंदू-मुस्लिम एकता भ्रामक है क्योंकि वे अलग-अलग नहीं, बल्कि एक हैं। पूजा करने के तरीके के आधार पर लोगों में भेद नहीं किया जा सकता। उन्होंने राजनीति को एकता खत्म करने का हथियार बताते हुए कहा कि भारत में रहने वाले सभी लोगों का डीएनए एक है, भले ही वे किसी भी धर्म के हों और मुसलमानों को ”डर के इस चक्र” में नहीं फंसना चाहिए कि भारत में इस्लाम खतरे में है। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग कहते हैं कि मुसलमान इस देश में नहीं रह सकते, वे हिंदू नहीं हैं।