मुंबई। फिल्म गुलाबो-सिताबो की शूटिंग में व्यस्त अमिताभ बच्चन सोशल मीडिया पर भी बराबर एक्टिव हैं। अपने लेटेस्ट ब्लॉग में अमिताभ बच्चन ने अपने सरनेम ‘बच्चन’ को लेकर एक अहम खुलासा किया है। अमिताभ बच्चन ने ब्लॉग में लिखा है कि, बच्चन शब्द कोई ‘तखल्लुस’ नहीं है। इसका मतलब ‘बचना और बचा’ हुआ भी नहीं है। ये किसी गोत्र, जाति को भी नहीं दर्शाता है। अमिताभ बच्चन के इस ब्लॉग को खूब पढ़ा जा रहा है।
अमिताभ बच्चन ने पहली बार अपने ब्लॉग के जरिए ये राज खोला कि उन्हें ‘बच्चन’ सरनेम कहां से मिला। अपने पिता से जुड़ा एक किस्सा शेयर करते हुए अमिताभ बच्चन ने लिखा- बाबूजी का जन्म कायस्थ परिवार में हुआ और उनका सरनेम श्रीवास्तव था। लेकिन, बाबूजी जाति प्रथा के खिलाफ थे। अपने उस दर्द भरे तप को बाबूजी ने ‘बच्चन’ नाम दिया। महान लेखक और शायर अकसर अपने उपनाम अपने अनुसार रख लेते हैं, बाबूजी ने भी वही किया। इसके बाद उन्होंने अपनी सारी कीर्ति, सारा जीवन इस नाम के साथ जोड़ दिया। इस तरह ‘बच्चन’ मेरे पिता का उपनाम बन गया…फिर मेरा जन्म हुआ। जब मुझे स्कूल में दाखिल कराने का समय आया, तो टीचर ने दाखिला फॉर्म में लिखने के लिए मेरा सरनेम पूछा। टीचर के सवाल पर मां और बाबूजी ने आपसी सहमती से फैसला लिया और मेरे सरनेम की जगह ‘बच्चन’ लिखवा दिया। इस तरह हमारी फैमिली का सरनेम ‘बच्चन’ हो गया।
इस तरह सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने अपने सरनेम से जुड़ी एक रोचक दास्तान शेयर की। अमिताभ बच्चन ने आगे लिखा, ‘यह हमारे साथ कायम और आगे भी रहेगा…मेरे पिता…मुझे बच्चन सरनेम पर बहुत गर्व है। बता दें कि, अमिताभ बच्चन के पिताजी हरिवंश राय बच्चन हिंदी के महान कवि और लेखक थे।