शनिवार को जब सुबह से ही तेज धूप निकली तो ठंड से जूझ रहे लोगों को उम्मीद हुई कि शीघ्र ही मौसम सामान्य हो जाएगा। हालांकि ऐसा नहीं हो सका। रविवार को सुबह से ही न सिर्फ काले बादल उमड़ने-घुमड़ने लगे बल्कि सर्द पछुआ हवा चलने से एक बार फिर से लोगों को ठंड का अहसास होने लगा। सर्द हवा व बादलों के उमड़ने-घुमड़ने का दौर पूरे दिन चलता रहा।
इससे गलन से बचने के लिए लोग न सिर्फ अलाव की मदद लेते दिखे बल्कि तमाम लोग दुकानों के बाहर व घरों की छतों पर बैठकर धूप के सहारे ठंड से बचने का प्रयास करते रहे। वापस लौटी ठंड के चलते तमाम लोगों को गर्म कपड़े फिर से बॉक्स में से निकालना पड़ा। उधर, गलन बढ़ने से गेहूं किसानों के चेहरे खिल उठे। लगातार निकल रही तेज धूप से गेहूं के पौधों की बढ़त पर अंकुश लग गया था।
अब एक बार फिर से गलन बढ़ने से अच्छी उपज होने की संभावना बढ़ गई है। हालांकि तेज सर्द हवा चलने से सरसों व अरहर किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। कारण यह कि हवा के चलते फूलों के टूटने की आशंका उत्पन्न हो गई है।
अकबरपुर के किसान सतीराम व चंद्रभूषण ने कहा कि यदि इसी तरह सर्द हवा चलती रही तो इसका प्रतिकूल प्रभाव फूल वाली फसलों पर पड़ सकता है। भीटी के रामबख्श सिंह, जलालपुर के इंद्रजीत तिवारी व टांडा के महेंद्र कुमार ने कहा कि गलन से गेहूं की फसल को तो लाभ है लेकिन फूल वाली फसलों के लिए काफी नुकसान हो सकता है।