लखनऊ : भुनेश्वर में पीएम को तीन को सुलझाने का बहस छेड़ा उसी बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने रविवार को लखनऊ में ऐलान किया कि जो लोग शरिया कारणों के बिना तीन तलाक देंगे, उनका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा लॉ बोर्ड ने साफ़ कह दिया है कि तीन तलाक़ के मुद्दे को ज़रुरत से ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है. बोर्ड ने ये भी कहा है कि पर्सनल लॉ में किसी भी तरह की दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी |
लखनऊ के नदवा में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की दो दिवसीय अहम बैठक 14 अहम फैसले हुए, जिनमें तीन तलाक के मुद्दे पर कोड आॅफ कंडक्ट लागू किया गया । इसके तहत अगर कोई बिना किसी ठोस वजह के तीन तलाक़ देता है तो उसका सामजिक बहिष्कार किया जाएगा ।
बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने बोर्ड की कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक के दूसरे और अंतिम दिन आज यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बोर्ड ने तीन तलाक की व्यवस्था में किसी भी तरह का परिवर्तन करने से इंकार किया है लेकिन साथ ही तलाक के लिए एक आचार संहिता भी जारी की है। इसकी मदद से तलाक के मामलों के शरई निर्देशों की असली सूरत सामने रखी जा सकेगी।
मौलाना रहमानी ने बोर्ड की बैठक में पारित प्रस्ताव की चर्चा करते हुए बताया कि बोर्ड ने यह फैसला किया है कि बिना किसी शरई कारण के एक ही बार में तीन तलाक देने वाले लोगों का सामाजिक बहिष्कार किया जाए।
उन्होंने कहा कि इस्लामी शरियत में मर्द और औरत दोनों को बराबर की अधिकार दिए गए हैं और ये अधिकार औरतों को दिलाना हम सबकी जिम्मेदारी है ।
बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल में विशेषकर कानूनी तलाक के संबंध में बड़े पैमाने पर गलत फहमी पाई जा रही है कि जो कि सही जानकारी नहीं होने की वजह से है. सही बात यह है कि तलाक औरत को खतरे से बचाने के लिए है ।