तालिबान के साथ लड़ाई के दौरान 46 अफगानी सैनिकों को पाकिस्तान में शरण लेनी पड़ी। सोमवार को पाकिस्तानी सेना ने इस बारे में जानकारी दी। इसके मुताबिक सीमा पर लड़ाई के दौरान कई जगहों पर अफगान सेना का नियंत्रण खत्म हो चुका है। इसके बाद अपनी जान बचाने के लिए अफगान सिपाहियों को पाकिस्तान का रुख करना पड़ा है। गौरतलब है कि पिछले कुछ हफ्तों में अफगान सेना के सिपाही और नागरिक ताजिकिस्तान, ईरान और पाकिस्तान भाग चुके हैं। यह हालात सीमा पर स्थिति खराब होने के बाद बनी है। प्रक्रिया पूरी करने के बाद भेजेंगे वापस
पाकिस्तानी सेना ने एक वक्तव्य में कहाकि अफगान अधिकारियों की तरफ से क्लीयरेंस मिलने के बाद इन सिपाहियों को सुरक्षित रास्ता दिया गया। इसके मुताबिक अफगान सिपाहियों को शरण देने के साथ-साथ, सैन्य नियमों के मुताबिक खाना और जरूरी मेडिकल सुविधाएं भी मुहैया कराई गई हैं। जी न्यूज की वेबसाइट पर चल रही खबर के मुताबिक किस्तानी सेना ने कहा है कि शरण लेने वाले सभी सिपाहियों को जरूरी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उनके देश वापस भे दिया जाएगा। यह कदम उस वक्त उठाया गया है जबकि दोनों देशों के बीच हालात सामान्य नहीं हैं। गौरतलब है कि अफगानी राजदूत की बेटी पाकिस्तान में अपहरण होने के बाद वहां से तमाम अफगान राजनयिकों को वापस बुला लिया गया है। गंभीर हालात वाले शहरों पर दे रहे ध्यान
गौरतलब है कि अमेरिका के अफगानिस्तान से अपने सैनिकों के वापस बुलाने की घोषणा के बाद से ही तालिबान यहां लगातार कहर बरपा रहा है। हालांकि लगातार हालात खराब होने के बाद से अमेरिका ने तालिबान पर हवाई हमले किए हैं। साथ ही उसने बयान भी जारी किया है कि वह यहां पर हवाई हमले करना जारी रखेगा। इसके जरिए अफगान सेना की तालिबान से लड़ाई में मदद भी करता रहेगा। उधर बीते कुछ वक्त में अफगान सरकार और तालिबान के वार्ताकार कतर की राजधानी दोहा में मुलाकात कर चुके हैं। हालांकि कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं हुई है। इस बीच लगातार हार का सामना कर रही अफगानिस्तान सेना अब तालिबान के खिलाफ अपनी लड़ाई के तरीके बदल रही है। वह अब काबुल और ऐसे उन शहरों पर ध्यान दे रहा है, जहां पर हालात ज्यादा गंभीर हैं।