एडीजी सिक्योरिटी विनोद कुमार सिंह ने पहले ताजमहल की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उसके बाद पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की। एडीजी सिक्योरिटी ने कहा कि पुलिस प्रशासन के पास पहले से एक एसओपी होनी चाहिए। कमांडो ट्रेनिंग लिए पुलिस कर्मी होने चाहिए। जो खतरे की सूचना मिलते ही मोर्चा संभाल लें।
ताजमहल की सुरक्षा और पुख्ता करने की तैयारी है। रेड और यलो जोन की सुरक्षा व्यवस्था में भी बदलाव किया जाएगा। ताजमहल के आस-पास कोई ड्रोन दिखे तो उस पर काबू करने के लिए एंटी ड्रोन डिवाइस खरीदने की योजना है।
शुक्रवार को एडीजी सिक्योरिटी विनोद कुमार सिंह ने बैठक के दौरान यह दिशा निर्देश दिए। साथ ही यह जानने का प्रयास किया कि पुख्ता सुरक्षा के लिए और क्या-क्या बदलाव किए जाने चाहिए।
चिन्हित पुलिस कर्मियों को कमांडो ट्रेनिंग लखनऊ में कराई जा सकती है। उनके सामने यह बात आई कि पूर्व में ताजमहल के आस-पास ड्रोन के कारण सनसनी फैली है।
इस पर उन्होंने कहा कि सुरक्षा में तैनात पुलिस और सीआईएसएफ के पास एंटी ड्रोन डिवाइस (उपकरण) होना चाहिए। जैसे ही कोई ड्रोन नजर आए वह सुरक्षा कर्मियों के इशारे पर चले। जगह-जगह ये बोर्ड लगे होने चाहिए कि यह ड्रोन प्रतिबंधित क्षेत्र है।
बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि यलो जोन में कहां-कहां और बैरियर लगाने की जरूरत है। रेड जोन में किस जगह सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता करने की जरूरत है।
इस दौरान आईजी रेंज नवीन अरोरा, सीआईएसएफ के आईजी सुधांशू कुमार, डीएम प्रभु नारायण सिंह, एसएसपी मुनिराज जी, एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद सहित एसएसआई व विकास प्राधिकरण के अधिकारी भी मौजूद रहे।