देवरिया। राजकीय इंटर कॉलेज में बैठक के दौरान विवाद हो गया। प्रधानाचार्यों के तेवर तल्ख देखकर जिला विद्यालय निरीक्षक चले गए। नाराज प्रधानाचार्यों ने बाबू को गालियों से नवाजा। डीआईओएस पर बोर्ड परीक्षा में बच्चों की गलत पोस्टिंग का आरोप लगाया गया। शुक्रवार को राजकीय इंटर कॉलेज के हल में यू-डायस, इंस्पायर योजना और बोर्ड परीक्षा को लेकर बैठक थी।
इसमें डॉ. मिथिलेश सिंह, माधव सिंह, जीतेंद्र सिंह, अनिल सिंह, रमेश सिंह, बीएन तिवारी, अभय द्विवेदी, भानु प्रताप सिंह समेत 50 से अधिक वित्तपोषित और वित्तविहीन विद्यालयों के प्रधानाचार्य मौजूद थे। यू-डायस और इंस्पायर योजना की चर्चा के बाद जब बात यूपी बोर्ड परीक्षा की हुई तो मामला गरम हो गया। प्रधानाचार्यों ने कहा कि डीआईओएस और लिपिक ने पहले तो परीक्षा केंद्र बनाने में मनमानी की। फिर बच्चों की पोस्टिंग में मनमानी की गई है। नजदीक विद्यालय होने के बाद भी बच्चों को दूर के विद्यालय पर भेजा गया है।
इसमें दोनों ने मिलकर धनउगाही की है। डीआईओएस जब उनको समझाने की कोशिश किए तो प्रधानाचार्य उग्र हो गए। उनके तेवर को भांपकर जिला विद्यालय निरीक्षक वहां से निकलना मुनासिब समझा। जब बाबू सुभाष गुप्ता ने पोस्टिंग को सही बताने की कोशिश की तो प्रधानाचार्यों ने उनको गालियों से नवाजा। मामला किसी तरह से शांत हुआ।
प्रधानाचार्यों का कहना था कि जबसे यह डीआईओएस आए हैं, माध्यमिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। नियम को ताक पर रखकर कार्य किया जा रहा है। जिला विद्यालय निरीक्षक राजेंद्र प्रसाद यादव का कहना है कि गरिमामय पद पर रहकर शिक्षकों का इस तरह का व्यवहार ठीक नहीं रहा। गाली देने वालों को नोटिस दी जाएगी। साथ ही संगठन को पत्र लिखा जाएगा।