अशोक कुमार गुप्ता,लख़नऊ। दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाके में तबलीग़ी जमात के धार्मिक सम्मेलन से कोरोना का जो तूफान उठा है इसके पीछे झाँकने की जरूरत है।क्या एक मौलाना संविधान से बड़ा हो गया है?इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई समय रहते क्यों नही की गई?
सवाल उठेंगे क्योकि, इस तरह की लापरवाही से देश के कई टुकड़े हो चूका है। अब देश को मुसीबत में नही डालने देगी भारत की जनता।
प्रधान मंत्री की अपील नही मानने वाले कोई भी धार्मिक संगठन हो उसे बैन करने का समय आ गया है। अब कठोर कदम नही उठाई जाएगी,तो ऐसे धार्मिक संगठन देश के कई टुकड़े कर देंगे।
हिंदुस्तान को 2500 वर्षो में 25 टुकड़ो में बाट दी जाती है। हमसभी हिंदुस्तानियों को सिर्फ पाकिस्तान और बंगलादेश की बटवारे की इतिहास याद है।सविधान की मौलिक अधिकार की अनुछेद 25 से 28 तक में धार्मिक आजादी की जिक्र है।लेकिन भारत के प्रधानमंत्री की अपील के बावजूद धर्म की आड़ में मुस्लिम धर्म प्रचारक य लाकडाउन में राष्ट्र धर्म का पालन करते नही है। उलटे सरकार को कटघड़े में खडा कर दिए ।जब बस में उन्हें टेस्टिंग के लिए ले जाई जा रही थी वे सभी मरकज़ी थूकते जा रहे थे।आप इनकी नापाक मंशा की अंदाज लगा सकते है।आज देश की कोने -कोने में जमातियों का जत्था पहुच चूका है। जब मस्जिदों को खंगाला गया तो सैकड़ो विदेशी मिले । इससे यह साफ हो जाता है कि देश का कानून कितना लचर है।