कोरोना के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस को लेकर उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेज यानी SGPGIMS, लखनऊ के डायरेक्टर डॉ. आरके धीमन ने चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर में डेल्टा प्लस वैरिएंट सबसे बड़ा खतरा है।
यह वैरिएंट अब तक के तमाम वैरिएंट में सबसे ज्यादा खतरनाक है। कई गुना ज्यादा तेजी से तो ये फैलता ही है, इससे मल्टीआर्गन फेल्योर का खतरा भी अधिक हो जाता है। मतलब अगर सही समय पर इलाज न मिले तो मौत का खतरा अधिक हो जाता है।
ऐसे समझिए डेल्टा व डेल्टा प्लस वेरिएंट को
- अक्टूबर 2020 में यह वैरिएंट अस्तित्व में आया।
- US में आए नए 20% कोरोना के मामले इसी वैरिएंट के हैं।
- पहले से ज्यादा संक्रामक और शुरुआती ‘WILD’ (वाइल्ड) वैरिएंट से चार गुना ज्यादा स्प्रेडर।
- इसी का नतीजा रहा कि दूसरी लहर में ज्यादा लोग हॉस्पिटलाइज्ड हुए और ICU की भी ज्यादा जरूरत पड़ी।
डेल्टा प्लस से बचाव क्यों जरूरी?
- कोरोना का अब तक का सबसे भयावह वैरिएंट है।
- ज्यादा मौतें होने का भी खतरा।
- मल्टी ऑर्गन फेल होने की ज्यादा संभावना।
- डेल्टा प्लस वैरिएंट शरीर के 18 अंगों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है।
- अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों को सबसे ज्यादा खतरा।