कोरोना की दूसरी लहर में मौतों के बढ़ रहे ग्राफ से हर कोई हिल गया। इन मौतों का डेथ ऑडिट किया जा रहा है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज ने हैलट में हुई मौतों का डेथ ऑडिट पूरा कर शासन को रिपोर्ट भी भेज दी है लेकिन शहर और आसपास के जिलों में निजी अस्पतालों में हुई मौतों का रिकार्ड अभी तक मेडिकल कॉलेज को नहीं भेजा गया है। 630 मौतों का रिकार्ड गायब है इसलिए मेडिकल कॉलेज ने सीएमओ के साथ ही सभी नर्सिंग होम संचालकों को नोटिस जारी कर रिकार्ड तलब किया है। साथ ही इसकी सूचना शासन को भी दे दी है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज को कोरोना से हुई मौतों का डेथ ऑडिट का जिम्मा बीते साल से दिया गया है। पहली लहर की डेथ ऑडिट पूरी हो चुकी है लेकिन दूसरी लहर में मौतों की संख्या सबसे ज्यादा रही। दूसरी लहर के खत्म हुए दो महीने हो चुके हैं लेकिन अभी तक नर्सिंग होम संचालकों ने मेडिकल कॉलेज को मौतों का रिकार्ड नहीं उपलब्ध कराया है। इनमें शहर के 407 और आसपास के कन्नौज, कानपुर देहात, उन्नाव और फर्रुखाबाद के निजी अस्पतालों ने 223 मौतों का रिकार्ड नहीं दिया है। जबकि मेडिकल कॉलेज ने पूर्व प्राचार्य प्रो.आरबी कमल के समय दो नोटिसें सभी को दी थीं। एक महीने के बाद भी नर्सिंग होम संचालक न तो कोई जवाब दे रहे हैं और न ही मौतों का रिकार्ड दे रहे हैं।
कुछ ने रिकार्ड न होने की भी बात कही है इसलिए अब डेथ ऑडिट टीम के प्रस्ताव पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो.संजय काला ने सभी जिलों के सीएमओ को पत्र भेजकर कोरोना से हुई मौतों को रिकार्ड भिजवाने को कहा है ताकि शासन को डेथ ऑडिट रिपोर्ट भेजी जा सके। उन्होंने सभी नर्सिंग होम को भी नोटिसें जारी कर रिपोर्ट भेजने के साथ सही तस्वीर साझा करने का सुझाव दिया है। मेडिकल कॉलेज के डेथ ऑडिट टीम के प्रभारी डॉ.एसके गौतम का कहना है कि सारी स्थितियों से प्राचार्य को अवगत करा दिया गया है। बार-बार कहने के बाद भी निजी अस्पताल संचालक मौतों की रिपोर्ट नहीं दे रहे हैं इसलिए डेथ ऑडिट का काम भी अधूरा पड़ा है। हैलट की रिपोर्ट पूरी हो गई है।