नई दिल्ली- कोरोना वायरस को लेकर लोगों में तरह तरह की भ्रांतियां देखी जा रही हैं। इन्हीं गलतफहमियों को देखते हुए दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने साफ किया है कि कोरोना वायरस शवों यानी डेड बॉडीज के माध्यम से नहीं फैलता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह संक्रमित व्यक्तियों की छींक और खांसी से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स से ही फैलता है। गुलेरिया ने कहा कि इस वायरस के फैलने के लिए खांसी या छींक जरूरी है। संक्रमित शख्स की मौत के बाद उसके शव का अंतिम संस्कार करने में कोई भी जोखिम नहीं है।
दरअसल, कोरोना वायरस की चपेट में आने के चलते राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक 68 वर्षीय बुजुर्ग महिला की शुक्रवार रात को मौत हो गई थी। शनिवार को सुबह जब निगम बोध घाट पर उस महिला का शव पहुंचा तो निगम बोध घाट ने अंतिम संस्कार करने से रोक दिया। माना जा रहा है कि कोरोना के भय के चलते यह रोक लगी। हालांकि बाद में अधिकारियों ने इस मामले में दखल दी जिससे महिला के शव का अंतिम संस्कार किया गया। बताया जाता है कि इस दौरान डॉक्टरों की टीम भी मौजूद थी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने कहा कि कोरोना से मौत के मामले में सतर्कता के साथ शव का दाह संस्कार किया जा सकता है।