दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध पांच कालेजों की बीएड मान्यता खतरे में है। मानक पूरा करने का प्रमाणपत्र न मिलने के कारण एनसीटीई ने नोटिस जारी की है।
एनसीटीई की उत्तर क्षेत्रीय समिति ने सूबे के 362 शिक्षण संस्थानों को नोटिस भेजा है। सेक्शन 17 के तहत भेजे नोटिस में एनसीटीई ने कहा है कि विवि व काॅलेजों ने मानक पूरा करने का प्रमाणपत्र ही नहीं भेजा है। इसे वर्ष 2016 मे भेजना था। बताया जाता है कि सेक्शन 17 के तहत एनसीटीई मान्यता वापस ले सकती है। इसके अलावा एमएड के लिए विश्वविद्यालय समेत दो और बीपीएड के लिए एक कालेज को नोटिस जारी हुई है।
विरोध मे आए निजी काॅलेज
एनसीटीई के इस कदम के बाद हड़कंप मच गया है। इसके खिलाफ ऑल इंडिया एसोसिएशन आफ प्राइवेट कॉलेज के महासचिव डा. सुधीर कुमार राय ने कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि यह संस्थाओं के साथ धोखाधड़ी एवं खिलवाड़ है। जिसका डंटकर मुकाबला किया जाएगा। सेक्शन 17 का तात्पर्य है कि यदि काॅलेज के जवाब से एनसीटीई संतुष्ट नहीं होती है तो मान्यता समाप्त कर दी जाएगी। यह एक सोची समझी साजिश है। एनसीटीई द्वारा उत्तर प्रदेश के शिक्षण संस्थानों से धन उगाही के लिए नोटिस जारी किया गया है। निश्चय ही इसका विरोध होना चाहिए। ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट कॉलेजेज सभी शिक्षण संस्थानों के साथ खड़ा है। एनसीटीई से इन आदेशों को वापस लेने की अपील करता है।
बीएड के लिए इन्हें मिला नोटिस
गोरखपुर विश्वविद्यालय
सेंट एंड्यूज कालेज,
चंद्रकांति रामावती महाविद्यालय गोरखपुर
वीर बहादुर सिंह महाविद्यालय हरनही,
विद्यार्थी स्नातक महाविद्यालय जगदीशपुर बरडीहा कुशीनगर ,
मदन मोहन मालवीय पीजी कॉलेज भाटपार रानी देवरिया