मैसूर: नाबालिग लड़की से रेप करने के दोष में महबूब पाशा (67 साल) नाम के एक बुजुर्ग को 12 साल जेल की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा दोषी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। करीब 4 साल पहले की इस वारदात में दोषी पाशा ने अपने बचाव के लिए खुद को नामर्द तक साबित करने की कोशिश की थी। डीएनए टेस्ट से आखिरकार साबित हो ही गया कि नाबालिग का रेप इसी शख्स ने किया था।
रेप के बाद नाबालिग प्रेगनेंट भी हो गई थी। उसने एक बच्चे को जन्म भी दिया लेकिन कमजोर होने की वजह से नवजात की मौत हो गई। रेप का दोषी महबूब पाशा केएनपुर में एक परचून की दुकान चलाता है। वारदात 2013 की है। नाबालिग पाशा की दुकान पर चावल खरीदने आई थी। पाशा की दुकान उसके घर से लगी हुई है। पाशा ने नाबालिग को अंदर बुलाकर उसके साथ रेप किया। साथ ही मुंह बंद रखने की धमकी भी दी।
कुछ महीने बाद नाबालिग लड़की को पेट दर्द की शिकायत हुई। अस्पताल ले जाने पर पता चला कि लड़की प्रेगनेंट है। इसके बाद नाबालिग ने अपनी मां को रेप की जानकारी दी। पाशा के खिलाफ केस दर्ज कराया गया। पाशा ने कोर्ट में अपने वकील के माध्यम से खुद को नामर्द साबित करने की कोशिश की।
पाशा ने इस मामले में कोर्ट से डीएनए टेस्ट की मांग भी की। नाबालिग के मृत बच्चे के शरीर को कब्र से निकाला गया। डीएनए टेस्ट में यह साबित हो गया कि पाशा ही मृत बच्चे का पिता है। इसके बाद कोर्ट ने मंगलवार को पाशा के लिए सजा का ऐलान कर दिया।