रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) डिजिटल करंसी लाने की तैयारी में है। इसकी जानकारी आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर ने दी है। उन्होंने बताया कि आरबीआई एक सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी (CBDC) के लिए काम कर रहा है। इसे आने वाले दिनों में होलसेल और रिटेल क्षेत्रों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया जा सकता है।
कानूनी बदलाव की होगी जरूरत: डिप्टी गवर्नर रबी शंकर के मुताबिक इसके लिए कानूनी बदलाव की जरूरत होगी। उन्होंने बताया कि रिजर्व बैंक अधिनियम के तहत मौजूदा प्रावधान करंसी के फिजिकल इस्तेमाल को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं। ऐसे में सिक्का अधिनियम, विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम में भी संशोधन करनी होगी।
डिजिटल करंसी में जोखिम भी: रबी शंकर ने डिजिटल करंसी से जुड़े कुछ जोखिम का भी जिक्र किया। जैसे दबाव की स्थिति में बैंक से पैसे को अचानक से निकाल लेना। इस संबंध में उन्होंने कहा, ‘‘जोखिम जुड़े हैं लेकिन संभावित लाभों को देखते हुए उनका सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने की आवश्यकता है।’’
आपको बता दें कि दुनिया के कई देश डिजिटल करंसी की संभावना तलाशने में लगे हैं और कुछ देशों ने तो इसे पेश भी कर दिया है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर रबी शंकर ने कहा कि डिजिटल करंसी को लेकर सोच- विचार काफी आगे बढ़ चुका है और दुनिया के कई केंद्रीय बैंक इस संदर्भ में काम कर रहे हैं।