ब्रिटेन की सरकार ने अमेरिका और यूरोपिय संघ में शामिल देशों से आने वाले उन मुसाफिरों के लिए 10 दिन के अनिवार्य क्वॉरंटीन के नियम को खत्म कर दिया है, जिन्होंने कोरोना टीके की दोनों डोज ले ली है। हालांकि, भारत को अभी भी ब्रिटेन ने रेड लिस्ट में ही रखा है।
फिलहाल, ब्रिटेन में कोरोना वायरस रोधी टीका लगवाने वाले लोगों को ही इन देशों से लौटने पर पृथक-वास में जाने से छूट मिलती थी। ब्रिटेन के परिवहन मंत्री ग्रांट शैप्स ने कहा, ‘हमने अंतरराष्ट्रीय यात्रा को फिर से शुरू करने के अपने सफर में काफी प्रगति की है और आज यह एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।’
बहरहाल, भारत अंतरराष्ट्रीय यातायात प्रणाली की लाल सूची में है जो सफर पर रोक लगाती है और ब्रिटेन के निवासियों के लौटने पर होटल में 10 दिन तक क्वॉरंटीन रहने को जरूरी करती है। इस दर्जे पर अगली समीक्षा अगले हफ्ते के मध्य में होने की संभावना है।
पहली बार भारत में मिला कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंटब्रिटेन में काफी फैल रहा है, इसलिए यात्रा परामर्श पर भारत की स्थिति अनिश्चित बनी हुई है।
इस बीच दो अगस्त को स्थानीय समयनुसार सुबह चार बजे से यूरोपीय चिकित्सा एजेंसी द्वारा स्वीकृत टीके की दोनों डोज लगवाने वाले यूरोपीय संघ में शामिल देशों के यात्री देश में आ सकते हैं और उन्हें क्वॉरंटीन नहीं रहना होगा।
इसी तरह से अमेरिका से आने वाले लोगों को वे टीके लगवाने पर क्वॉरंटीन से छूट मिलेगी जिनको फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन ने मंजूरी दी है या स्विस टीकाकरण कार्यक्रम के तहत टीका लगवाने वालों को पृथक-वास से छूट मिलेगी।
अमेरिका और ईयू में शामिल देशों से आने वाले लोगों को इंग्लैंड के लिए आगमन करने से पहले जांच करानी होगी। फ्रांस को इस छूट से बाहर रखा गया है।
ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने कहा, ‘ईयू और अमेरिका में पूर्ण टीकाकरण कराने वाले यात्रियों के लिए पृथक-वास मुक्त सफर की शुरुआत करने से हम सामान्य हालात की दिशा में एक और कदम बढ़ा रहे हैं।’