झारखंड में हर दिन औसतन 50 हजार सैंपलों की जांच हो रही है। बावजूद इसके अभी लगभग एक तिहाई लोगों की ही कोरोना जांच हो सकी है। यही नहीं नए मरीजों के मिलने की संख्या जहां लगातार कम हो रही है, वहीं जांच के लिए पेंडिंग सैंपलों की संख्या बढ़ती जा रही है। जांच की इस धीमी रफ्तार को तेज करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने आरटी-पीसीआर जांच के लिए जेआईटीएम स्किल प्रा. लि. नाम की कंपनी के साथ एमओयू किया है। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने शनिवार को इसके तहत पांच मोबाइल टेस्टिंग लैब का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया।
आईडीएसपी झारखंड के स्टेट एपीडेमोलॉजिस्ट डॉ प्रवीण कुमार कर्ण ने बताया कि करार के तहत जेआईटीएम राज्य में 12 मोबाइल आरटीपीसीआर टेस्टिंग लेबोरेटरी का संचालन करेगी। जिसमें से 5 की शुरुआत शनिवार को की गयी है। ये पांचों मोबाइल टेस्टिंग लेबोरेटरी पॉजिटिविटी रेट और पॉपुलेशन डेंसिटी के आधार पर रांची, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, हजारीबाग और पलामू में जिला मुख्यालय के 25 किलोमीटर के दायरे में कोरोना संदिग्धों के सैंपल कलेक्ट कर 24 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराएगी। डीसी के सुपरविजन में काम करने वाली इस मोबाइल टेस्टिंग वैन से लोगों को काफी फायदा होगा। सरकार इस टेस्ट के लिए जहां 390 रुपए खर्च करेगी वहीं जांच कराने वालों के लिए यह पूरी तरह निःशुल्क होगा।
सात जिलों में शीघ्र शुरू मोबाइल टेस्टिंग सुविधा
डॉ. कर्ण ने बताया कि जेआईटीएम शीघ्र ही शेष सात मोबाइल वैन भी उपलब्ध कराएगी। उन्हें गोड्डा, दुमका, जामताड़ा, सिमडेगा, गुमला, पश्चिमी सिंहभूम और साहिबगंज जिले में सैंपल टेस्ट के लिए भेजा जाएगा। मोबाइल टेस्टिंग लैब से जांच की रफ्तार में तेजी आने की संभावना है। मोबाइल टेस्टिंग लैब से हर दिन 5 हजार से साढ़े सात हजार सैंपल की जांच का अनुमान है। जांच के बाद पेंडिंग रिपोर्ट की संख्या में कमी आएगी। साथ ही अभी जहां टेस्ट रिपोर्ट आने में 48 से 60 घंटे लग जाते हैं, मोबाइल टेस्टिंग लैब से 24 घंटे में रिपोर्ट मिलेगी। जिससे संक्रमित व्यक्ति को समय आइसोलेट करने और ट्रीटमेंट के साथ- साथ कांटेक्ट ट्रेसिंग भी जल्दी हो सकेगी। बता दें कि सभी मोबाइल टेस्टिंग लैब को एनएबीएल व आईसीएमआर ने भी अनुमति प्रदान की है।