मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि शातिर अपराधियों के साथ कोई रियायत न बरती जाए। जेलों में बंद घोर अपराधियों की श्रेणी तय करते हुए इनके साथ कठोरता से पेश आया जाए।
यह अपराधी आतंकवादी, माफिया और महिलाओं के विरुद्ध अपराध करने वाले व्यक्ति हो सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जेल के अंदर बंदियों की सुरक्षा प्रभावी तरीके से लागू की जाए। जेल के अंदर बंदियों की निगरानी सीसी टीवी कैमरों से करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर जेल मैनुअल के संशोधित ड्राफ्ट देखने के बाद यह बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि कारागारों में बंदियों के व्यवहार में व्यापक सुधार के प्रयास किए जाने चाहिए। बंदियों को रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ते हुए उनके लिए कौशल विकास के कार्यक्रम संचालित किए जाएं ताकि जेल से छूटने के बाद वे सही सोच के साथ सामान्य जीवन जी सकें। उन्होंने जेल में निरुद्ध महिला बंदियों के बच्चों की बेहतर व्यवस्था एवं शिक्षा के निर्देश दिए।
जेल मैन्यूअल में शस्त्र नीति का भी समावेश : अवनीश अवस्थी
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने जेल मैनुअल में संशोधन की आवश्यकता, औचित्य, संशोधनों के मुख्य आधार तथा प्रस्तावित संशोधनों के विषय में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि इस ड्राफ्ट जेल मैनुअल में भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी माडल प्रिजन मैनुअल के प्रावधानों का भी समावेश किया गया है। इसमें कारागारों की सुरक्षा व्यवस्था एवं उपद्रव नियंत्रण के लिए शस्त्र नीति के समावेश भी है।
अप्रासंगिक होने के कारण समाप्त किए जाने वाले विषयों के सम्बन्ध में भी उन्हें जानकारी दी गई।