जेफ बेजोस स्पेस मिशन को तैयार, अंतरिक्ष की सैर के लिए आज भरेंगे उड़ान

दुनिया के सबसे बड़े रईस जेफ बेजोस आज स्पेस मिशन पर जाने को तैयार हैं। जेफ बेजोस अंतरिक्ष में जाने वाले सबसे पहले अरबपति भले ही न हों, लेकिन वह इस उड़ान के साथ एक नया इतिहास रचने वाले हैं। आज यानी मंगलवार को बेजोस अपने भाई के साथ तो स्पेस में जा रहे हैं। वह सबसे बुजुर्ग और सबसे युवा ऐस्ट्रोनॉट को लेकर जा रहे हैं। मिशन से पहले बेजोस ने अपने साथियों से ‘रिलैक्स’ करने को कहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस यात्रा के दौरान  बेजोस कुल 11 मिनट तक ही अंतरिक्ष में रहेंगे।

बेजोस ने अपने साथी यात्रियों से कहा, ‘सिट बैक, रिलैक्स, खिड़की के बाहर देखिए और बाहर व्यू को महसूस कीजिए।’ बेजोस और उनके भाई मार्क बेजोस जिस रॉकेट से जा रहे हैं, यह पूरी तरह से ऑटोनॉमस है, हालांकि इसमें भी खतरा बना हुआ है। बेजोस और अपने सहयात्रियों के साथ अंतरिक्ष में ऊपर जाएंगे और 11 मिनट में लौट आएंगे। सीएनएन के मुताबिक बेजोस की उड़ान धरती से करीब 100 किमी की ऊंचाई तक ही जाएगी। बेजोस का न्‍यू शेफर्ड रॉकेट सबऑर्बिटल फ्लाइट है और यह ध्‍वनि की तीन गुना रफ्तार से अंतरिक्ष की ओर अपने कदम बढ़ाएगा। यह तब तक सीधा अंतरिक्ष में जाता रहेगा, जब तक कि उसका ज्‍यादातर ईंधन खत्‍म नहीं हो जाता है।

बेजोस और उनके भाई मार्क बेजोस जिस रॉकेट से जा रहे हैं, यह पूरी तरह से ऑटोनॉमस है। हालांकि इसमें भी खतरा बना हुआ है। अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक बेजोस यह अंतरिक्ष यात्रा जान हथेली पर रखकर करने जा रहे हैं। बेजोस और उनके साथ जाने वाले अन्‍य यात्री ऐसा नहीं करने जा रहे हैं।  सीएनएन के मुताबिक बेजोस की उड़ान धरती से करीब 100 किमी की ऊंचाई तक ही जाएगी। इसे बाहरी अंतरिक्ष की शुरुआत माना जाता है।

बेजोस की कंपनी ब्‍लू ओरिज‍िन का न्‍यू शेफर्ड कैप्‍सूल को पायलट की जरूरत नहीं है। अब तक कि 15 टेस्‍ट उड़ान में इस कैप्‍सूल को लेकर कभी कोई हादसा नहीं हुआ है। यानी बेजोस की अंतरिक्ष की उड़ान में खतरा कम है।  सबऑर्बिटल फ्लाइट की वजह से इस रॉकेट को बहुत ज्‍यादा स्‍पीड और धरती की कक्षा में फिर से प्रवेश करने के जटिल प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा। इससे खतरा कम होगा। दरअसल, अंतरिक्ष यान के धरती की कक्षा में फिर से प्रवेश करने पर उसका तापमान 3500 डिग्री फॉरेनहाइट तक पहुंच जाता है। इससे उसके अंदर बैठे अंतरिक्षयात्रियों को भारी दबाव का सामना करना पड़ता है।  बेजोस करीब 3,50,000 फुट की ऊंचाई पर जा रहे हैं। यहां पर जिस कैप्‍सूल में वह जा रहे हैं, उन्‍हें स्‍पेसशूट पहनने की जरूरत नहीं होगी। अगर केबिन में ऑक्‍सीजन मास्‍क रहेंगे, जिससे वह सांस ले सकेंगे।

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