जम्मू में बीते दिनों टेक्निकल एयरपोर्ट पर हुए ड्रोन हमले में नया खुलासा हुआ है। जिस रात जिस साजिश को अंदाम दिया जा रहा था, उसी रात इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के ऊपर भी ड्रोन से नजर रखी जा रही थी। यह जानकारी सामने आने के बाद भारत ने पाकिस्तान के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज करवा दी है। वहीं, बीती रात एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में ड्रोन दिखाई दिया। यह 13वां ड्रोन था। खास बात यह रही कि बीएसएफ के जवानों ने अरनिया सेक्टर में यह ड्रोन देखा और उस पर फायरिगं की तो यह पाकिस्तान सीमा में चला गया। इन ताजा खुलासों से साफ है कि भारत में ड्रोन से हमले करने की साजिश पाकिस्तान में रची जा रही है।
भारतीय उच्चायोग में चल रहा था प्रोग्राम: इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के ऊपर जिस समय ड्रोन से निगरानी की जा रही थी, तब वहां ड्रोन देखा गया। इस्लामाबाद यह इलाका बहुत सुरक्षित है। यहां कई देशों के उच्चायोग के दफ्तर हैं। ऐसे में ड्रोन का देखा जाना, बिना पाकिस्तान की मिलीभगत से नहीं हो सकती है। भारत ने अभी पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के सामने अपनी आपत्ति दर्ज करवाई है। यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो उपरी स्तर पर मामला उठाया जाएगा।
पाक सेना की मदद से लश्कर ने साजिश को दिया अंजाम: जम्मू ड्रोन हमले में एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की जांच जारी है। कई एजेंसियों द्वारा एकत्र किए गए साक्ष्य में पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का पता चला है। प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि दोने ड्रोन को सीमा पार से सियालकोट सेक्टर से उड़ाया गया था। यह स्थान जम्मू हवाई अड्डे से मात्र 14.5 किलोमीटर दूर है।