बलिया में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए मतदान के दौरान फर्जी सदस्य बनकर वोट डालने पहुंचे चार महिलाएं व दो पुरुषों पर शहर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने पहले अज्ञात पर मुकदमा कायम किया, इसके बाद छह फर्जी मतदाता अमित पासवान (निवासी भोजापुर पश्चिम टोला), संजीत राय (निवासी गड़ेरिया), सोनी श्रीवास्तव, कंचन मिश्रा, सरोज देवी व सुनीता (निवासी जापलिनगंज) को विवेचना के दौरान प्रकाश में लाया गया। सभी को जमानत पर रिहा भी कर दिया गया है। मामले की जांच पुलिस कर रही है।
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान चार महिला व दो पुरुष फर्जी आधार कार्ड, जिपं सदस्य के फर्जी प्रमाण के साथ मत देने पहुंचे थे। संयोग से उसी वक्त सही मतदाता अपना मत देने के लिए मुख्य द्वार पर पहुंच गए। जांच अधिकारी एक ही नाम के दोबारा आने वाले को देखकर आश्चर्य में पड़ गए। इन सभी ने तत्काल उच्चाधिकारियों को सूचना देने के साथ ही इस वार्ड के सदस्यों को मतदान करने से रोक दिया। इसके बाद जांच की प्रक्रिया शुरू हुई। अधिकारियों की जांच में छह लोग फर्जी निकले। इसको लेकर सदस्यों से हंगामा भी किया। इसके बाद पुलिस फर्जी मतदाताओं को हिरासत में लेकर कोतवाली चली गई। पुलिस ने सहायक निर्वाचन अधिकारी पंचस्थानीय बी. राम की तहरीर पर फर्जी छह मतदाताओं के खिलाफ मुकदमा कायम किया। विवेचना के दौरान सभी का नाम सामने आया।
बेचू राम, एआरओ (पंचायत एवं स्थानीय निकाय) कहते हैं कि जिपं अध्यक्ष पद के मतदान के दौरान संदिग्ध कागजातों के साथ कलक्ट्रेट परिसर में पकड़े गये लोगों के खिलाफ मेरे द्वारा तहरीर दी गयी है। पुलिस इस मामले में केस दर्ज कर छानबीन कर रही है।
कड़ी सुरक्षा से कैसे भाग गया एक फर्जी वोटर!
जिला पंचायत के सिर्फ 58 सदस्यों का मतदान होना था। इसमें भी फर्जी आईडी व आधार कार्ड के साथ एक-दो नहीं बल्कि सात लोगों के अंदर जाने की बात समझ से परे है। यही नहीं छह फर्जी वोटरों को तो प्रशासनिक अधिकारियों ने किसी प्रकार हिरासत में ले लिया लेकिन एक फर्जी वोटर कड़ी सुरक्षा के बावजूद किस प्रकार डीएम आफिस से भागने में सफल हो गया, यह बड़ा सवाल है। उक्त फर्जी वोटर के बारे में गेट पर तैनात अधिकारी बार-बार कहते रहे कि उसे अंदर बैठाया गया है लेकिन थोड़ी ही देर बाद उन्होंने यह बताया कि वह भाग गया है। अब पुलिस अभिरक्षा में बैठाया गया कोई फर्जी वोटर कैसे डीएम दफ्तर जैसे अति सुरक्षित जगह से भाग गया, यह कई सवालों को जन्म देता है। जबकि गेट पर बैठाए गए असली जिपं सदस्य को यहां से वहां हिलने तक से रोक रखा गया था।
मामले की लीपापोती में जुटी पुलिस
जिपं अध्यक्ष पद के लिये शनिवार को हो रहे मतदान के वक्त आधा दर्जन फर्जी वोटरों के मामले में पुलिस की कार्यशैली आश्चर्यजनक है। पहले तो पुलिस ने छह फर्जी वोटरों को हिरासत में लिया। जबकि पुलिस के अनुसार एक फर्जी वोटर डीएम कार्यालय से भाग गया। इतनी कड़ी सुरक्षा में फर्जी व्यक्ति कैसे भाग गया, यह बड़ा सवाल है। इसके बाद एआरओ की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया। धाराएं भी मामूली ही लगायी गयीं। एआरओ ने अपनी तहरीर में आधा दर्जन लोगों के संदिग्ध प्रमाण पत्र व पहचान पत्र के साथ पकड़े जाने का उल्लेख किया है।