जहां तकरीबन दो घंटे तक बारी बारी से सभी बैरकों में बंदियों के सामानों की तलाशी कराई गई। वैसे तो इस बार भी कोई मोबाइल बरामद नहीं हुआ लेकिन यह स्पष्ट हो गया कि जेल में उसका यूज कोई न कोई बंदी जरूर कर रहा है। इस बार भी एक ईयरफोन बरामद होना इसका प्रमाण है।
जनवरी के प्रथम सप्ताह में मोबाइल की दो बैट्री जेल से बरामद हुई थी। सबसे अहम सवाल यह है कि जेल में कई बार बंदियों के बीच मारपीट की घटनाएं हो चुकी है। एक दूसरे के विरोधी भी जेल में बंद है। ऐसे में लंबी छड़ों को नुकिलेदार बनाकर रखा गया था जिससे किसी की भी जान पेट एवं सिर में मार कर ली जा सकती है।
तीन छोटी छड़ें , चाकू जैसे हथियार आदि भी बरामद हुआ। देर रात में डीएम भानुचंद्र गोस्वामी एवं एसपी अतुल सक्सेना पैरा मेलेट्री फोर्स के साथ पहुंचे तो हड़कंप मच गया। जेल अधीक्षक शैलेंद्र मैत्रेय का कहना है कि सिगरेट पीने पर मनाही नहीं है।
जहां तक छड़ों का सवाल है निर्माण कार्य चल रहा है ऐसे में छड़ इधर उधर पड़ा हुआ है। उधर एसपी अतुल सक्सेना का कहना है कि छड़ें नुकीलेदार बना कर रखा गया था। उससे किसी की भी जान हमला कर ली जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस बार भी मोबाइल बरामद नहीं हुआ।