लिंक डॉक्युमेंट्स चेक किए बिना जमीन खरीदना हो सकता है आपके लिए रिस्की
न्यूज डेस्क। कोई भी व्यक्ति प्रॉपर्टी खरीदते समय अपनी मेहनत की एक बड़ी कमाई उसमें लगा देता है। ऐसे में जरूरी है कि जो प्रॉपर्टी खरीदी जा रही है उसकी वैधता की पूरी तरह से जांच की जाए। यूपी कोर्ट के एडवोकेट राजनारायण चौधरी का कहना है कि यदि आप किसी टाउनशिप में प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं और वहां बैक लोन दे रही है तो वहां बड़ी रिस्क नहीं है, क्योंकि बैंक किसी भी टाउनशिप में लोन तभी देते हैं जब वहां का टाइटल (स्वामित्व) और सर्च क्लियर होता है। इसके बावजूद व्यक्ति को अपने लेवल पर कुछ चीजों को वेरिफाई तो करना ही चाहिए। आज हम बता रहे हैं कोई भी प्रॉपर्टी खरीदते समय आपको किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
लिंक डॉक्यूमेंट्स चेक करें
आप कोई भी प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं तो सबसे पहले उसके लिंक डॉक्यूमेंट चेक करें। यानी प्रॉपर्टी अब तक कितनी-बार खरीदी और बेची गई है, वो देखें। यह आपको पुरानी रजिस्ट्रियों से पता चलेगा। जिससे भी प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं उससे पुरानी रजिस्ट्री की कॉपी ले लें। फिर यह देखें कि सभी रजिस्ट्री में डिटेल एक-दूसरे से लिंक हो रही है या नहीं। जो आपको प्रॉपर्टी बेच रहा है उसका आइडेंटिटी प्रूफ देखें इसे डॉक्यूमेंट्स के साथ मैच करें। प्रॉपर्टी बेचने वाले से पावर ऑफ अटॉर्नी की कॉपी लें।
भूमि रिकॉर्ड की जानकारी
आप जिस जमीन को खरीद रहे हैं, उसका रिकॉर्ड खंगालें। खेती की जमीन ले रहे हैं तो इसके डॉक्यूमेंट्स की जानकारी राज्य सरकार के राजस्व विभाग से मिल जाएगी। जमीन का खसरा नंबर पता करें। खसरा नंबर से आपको जमीन से जुड़ी सभी जानकारियां मिल जाएंगी। यदि आप घर बनाने के लिए जमीन खरीद रहे हैं तो पहले पता करें कि जहां जमीन खरीद रहे हैं वहां रेसिडेंशियल परमीशन है या नहीं। धरा 80 में कन्वर्ट है कि नही अगर उनशिप में ले रहे हैं तो ये डॉक्यमेंट्स देखें
किसी टाउनशिप में प्रॉपर्टी ले रहे हैं तो लेंड यूज चेक करें। देकई लोगों को लगता है कि सरकार ने रजिस्ट्री कर दी तो प्रॉपर्टी वैध ही होगी लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसा नहीं होता। रजिस्ट्री करते समय सरकार सिर्फ रेवेन्यू की एंगल से जांच परख करती है। कोई प्रॉपर्टी वैध है या नहीं, यह जांचने की जिम्मेदारी प्रॉपर्टी खरीदने वाले व्यक्ति की ही होती है।
अखबार में सूचना जरूरी दें
प्रॉपर्टी खरीदने से पहले अखबार में जाहिर सूचना जरूर देना चाहिए। अक्सर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन जाहिर सूचना देने से आपका पक्ष मजबूत होता है। ऐसे में प्रॉपर्टी को लेकर भविष्य में कभी कोई विवाद होता है तो आप कोर्ट में मजबूती से अपना पक्ष रख सकते हैं। इसी तरह एग्रीमेंट का रजिस्ट्रेशन करवाना भी
जरूरी है। आज कल यह रजिस्ट्री के साथ ही कर दिया जाता है। बहुत से लोग एग्रीमेंट नहीं करवाते। ऐसा न करने पर कानूनी तौर पर आप कमजोर हो जाते हैं।