पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में छह माह के बच्चे के पेट से साढ़े तीन माह का डेढ़ किलो का भ्रूण निकला। शिशु विभाग के 15 डॉक्टरों की टीम ने दो घंटे के दुर्लभ ऑपरेशन के बाद सफलता प्राप्त की। डॉक्टरों ने बताया कि भ्रूण का पेट, हाथ व सिर विकसित था लेकिन धड़कन नहीं चल रही थी। यदि कुछ दिनों तक और भ्रूण बच्चे के पेट में रहता तो उसकी जान तक जा सकती थी।
बक्सर जिले के अरियांव गांव निवासी मोइनुद्दीन का छह माह का पुत्र इरफान के पेट में जन्म के बाद से ही दर्द रहता था। मोइनुद्दीन ने बताया कि सरकारी व निजी अस्पतालों में इलाज कराकर परेशान हो गया, लेकिन किसी ने इतने छोटे बच्चे की सर्जरी करने की जोखिम नहीं उठाई। इसके बाद किसी ने पीएमसीएच में इलाज कराने को बताया। उसके पेट में बराबर दर्द बना रहता था और लगातार पेट फूलता जा रहा था। 20 जनवरी को परिजन इलाज के लिए उसे पीएमसीएच में भर्ती कराए। जांच रिपोर्ट में पेट में भ्रूण निकला तो डॉक्टर भी दंग रह गए। यहां पर बुधवार को बच्चे का ऑपरेशन हुआ है।
15 डॉक्टरों की टीम ने किया ऑपरेशन
शिशु विभाग के एचओडी डॉ. अमरेंद्र कुमार, शिशु रेाग विशेषज्ञ डॉ. निगम प्रकाश नारायण समेत 15 डॉक्टरों की टीम ने बच्चे का ऑपरेशन किया। लगभग दो घंटे तक ऑपरेशन चला। डॉक्टरों ने कहा कि ऐसे मामले लगभग पांच लाख के केस के बाद इस तरह के मामले सामने आते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि कभी-कभी गर्भवती महिला के पेट में जुड़वा गर्भ होने की संभावना होती है। ऐसे में एक शिशु विकसित हो पाता है और दूसरा शिशु पहले शिशु के पेट में कैद हो जाता है। डॉक्टरों के अनुसार कुछ दिन और भ्रूण पेट में रहता तो बच्चे की जान जा सकती थी।