उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय जिस व्यक्ति के नाम पर खुला है वह रिजल्ट देखता था। मेरा प्रयास है कि पूरे देश में इस विश्वविद्यालय की एक गरिमा स्थापित हो। बलिया की संस्कृति इस विश्वविद्यालय के माध्यम से फैले पूरे देश में फैले। यह विश्वविद्यालय चन्द्रशेखर के सपने को साकार करेगा तथा आधुनिकता के आयाम को पूरा करेगा।
उन्होंने जनपद के बुद्धिजीवी व देश-विदेश के विभिन्न कोने में उच्च पद पर काम करने वाले लोगों से विश्वविद्यालय को बनाने में मदद मांगी। कहा कि उनका प्रयास है कि शासन ने अगर निर्देश दिया तो 2016-17 की परीक्षा इसी विश्वविद्यालय से होगी। इसके पूर्व काशी के पंडित ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच प्रो. योगेंद्र को पदभार ग्रहण कराया। इस मौके पर राज्य सभा सदस्य नीरज शेखर, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुल सचिव ओम प्रकाश, उपकुल सचिव समीप विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष काशीनाथ सिंह समेत जनपद के एवं महाविद्यालयों प्राचार्य एवं प्रबंधक उपस्थित थे।