कोरोना संक्रमण भले ही तेजी से फैल रहा है, लेकिन वायरस को हराने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। बीते सप्ताह में कई दिन संक्रमितों से ज्यादा मरीज ठीक हुए। डॉक्टरों का कहना है कि घर में कोविड प्रोटोकॉल का ठीक से पालन कर वायरस को मात दे सकते हैं।
लखनऊ में पहली मार्च से मरीजों के तेजी से बढ़ने का सिलसिला शुरू हुआ। यही वजह है कि पहली मार्च से 24 अप्रैल के बीच करीब 96813 लोग संकमण की जद में आए। इनमें 43440 मरीज वायरस को मात दे चुके हैं। अभी 37 अस्पतालों में करीब 4068 मरीज भर्ती हैं। जबकि 49305 मरीज होम आइसोलेशन में हैं।
95 प्रतिशत ठीक हो रहे मरीज
बिना लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जा रही है। 95 प्रतिशत मरीज वायरस को मात दे रहे हैं। इनमें एक प्रतिशत से भी कम मरीजों को संक्रमण के शुरुआत के चार से आठ दिनों में दिक्कत होती है। जिन्हें अस्पताल में भर्ती की जरूरत पड़ती है। डॉक्टरों का कहना है कि अस्पतालों में संक्रमण काफी होता है। जिन मरीजों में वायरस लोड कम होता है। मरीज अधिक वायरस वाले वातावरण में जाने से उनकी दिक्कतें बढ़ सकती हैं।
मरीज में वायरस का भार बढ़ सकता है। पुरानी बीमारी से पीड़ितों में यह परेशानी और बढ़ सकती है। महज तीन से पांच प्रतिशत मरीजों को अस्पताल में भर्ती की जरूरत पड़ती है। दो प्रतिशत मरीजों को सामान्य ऑक्सीजन देकर छुट्टी दे दी जाती है। बाकी तीन प्रतिशत को आईसीयू, वेंटिलेटर व हाई फ्लो कैनुला जैसे उपकरण के माध्यम से ऑक्सीजन देने की जरूरत पड़ती है।
घर में रहकर वायरस को मात देने वालों की जुबानी
अप्रैल के पहले हफ्ते में पूरा परिवार कोरोना की चपेट में आया। पति राजीव तिवारी को केजीएमयू के लिम्ब सेंटर में भर्ती करने की जरूरत पड़ती। कुछ दिन रहने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। घर में रहकर परिवार के चार सदस्यों ने संक्रमण को मात देने में कामयाबी हासिल की। सुबह शाम चाय और काढ़ा पीते थे। दाल और नारियल का पानी भी खूब पिया।
सपना तिवारी, अलीगंज
संक्रमण का पता चला तो कुछ घबराहट हुई। फिर अस्पतालों में बेड के हालात का जेहन में खयाल आया। तुरंत घर में रहकर इलाज कराने का फैसला किया। 10 दिन बाद रिपोर्ट नेगेटिव आ गई। डॉक्टर की लिखी दवाओं का सेवन किया। खान पान पर ध्यान रखा। शरीर में ऑक्सीजन व बुखार के स्तर के निगरानी की। अब पूरी तरह से सेहतमंद हूं।
अमित शर्मा, चिनहट
कोरोना की पुष्टि के बाद मन में घबराहट हुई। सबसे पहले मैंने शरीर में ऑक्सीजन का स्तर जांचा तो नतीजे संतोषजनक आए। डॉक्टर की सलाह बिना देर किए इलाज शुरू कर दिया। कोविड कंट्रोल रूम से फोन आया। घर में खुद को आइसोलेट किया। नियमों का पालन किया। रोज गुनगुना पानी दिन में कई बार पिया। प्रोटीन युक्त भोजन खाया। अब मैं पूरी तरह से ठीक महसूस कर रहा हूं।
गोल्डी शर्मा, फिजियोथेरेपिस्ट, गोमतीनगर
अप्रैल के दूसरे सप्ताह में कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। स्वास्थ्य विभाग और मुख्यमंत्री कंट्रोल रूम से लगातार फोन आए। कोरोना के नियमों से अवगत कराया गया। होम आइसोलेशन के लिए एप डाउन लोड करने की जानकारी दी गई। खान-पान पर ध्यान देकर संक्रमण को मात देने में कामयाबी हासिल की है।