गोरखपुर हादसे को लेकर सोशल मीडिया पर काफी आक्रोश है, लोग अपने-अपने तरीके से हादसे पर अपनी राय रख रहे हैं. हादसे का एक दूसरा पहलू भी है जिसमें लोग बच्चों के लिए ऑक्सीजन का प्रबंध करने वाले डॉ. कफील की सराहना कर रहे हैं.
कोई उन्हें मसीहा बता रहा है तो कोई उन्हें फरिश्ता कह रहा है.
डॉ कफील ने जिस प्रकार बच्चों की जान बचाने के लिए आधी रात को ऑक्सीजन सिलेंडरों का इंतेजाम किया, लोग उन्हें हीरो मान रहे हैं. ट्विटर पर उनका नाम भी ट्रेंड कर रहा है और लोग उनके अथक प्रयासों की सराहना करते नहीं थक रहे हैं.
https://twitter.com/nitishcop/status/896586613668552704
Such an ignorance to basic human rights in India, If it's true then it's a big shame. https://t.co/kyP2uBdnId
— sabir khan (@sabirk) August 13, 2017
दरअसल, डॉ कफील, बीआरडी मेडिकल कॉलेज के इंसेफेलाइटिस वार्ड के प्रभारी व बाल रोग विशेषज्ञ हैं. जैसे ही उन्हें ऑक्सीजन की कमी की सूचना मिली तो वो अपने अन्य मित्र डॉक्टरों के पास पहुंच गए और कुछ ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतेजाम किया. वो आधी रात को ये सिलेंडर लेकर अस्पताल पहुंचे पर इन ऑक्सीजन सिलेंडरों से बस कुछ ही मिनटों की आपूर्ति हो सकी.
डॉ. कफील ने फिर एक बार अपने डॉक्टर मित्रों के पास पहुंचे और करीब एक दर्जन ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतेजाम किया, उन्होंने शहर के करीब 6 ऑक्सीजन सप्लॉयर को भी फोन लगाया. सप्लॉयर ने डॉ कफील से कैश पैसे की बात कही तो उन्होंने अपने कर्मचारी को खुद अपना एटीएम कार्ड दिया और पैसे निकालकर ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवाया.