यूपी के गोरखपुर में रविवार को STF ने शॉर्प शूटर परवेज अहमद को एनकाउंटर में मार गिराया। उस पर एक लाख रुपए का इनाम था। परवेज अंडर वर्ल्ड डॉन छोटा राजन और खान मुबारक का राइट हैंड माना जाता था। उसे नकली करेंसी के कारोबार का बादशाह भी कहते थे। परवेज नेपाल से पूरे यूपी में वसूली का सिंडिकेट चलाता था।
बताया जाता है कि शनिवार को परवेज की गोरखपुर के चिलुआताल इलाके के नकहा में एक सफेदपोश से मीटिंग थी। लेकिन देर शाम अचानक मीटिंग कैंसिल हो गई। यह मीटिंग रविवार दोपहर को होनी थी। दोपहर करीब 3 बजे वह अपने एक साथी को लेकर बाइक से नकहा इलाके में आ रहा था।
STF ने पीपी गंज इलाके के सरहरी बालापार रोड पर घेराबंदी कर दी। ADG अमिताभ यश के मुताबिक पुलिस ने रुकने का इशारा किया, तो उसने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में वह मारा गया। उसे 4 गोलियां लगी हैं। परवेज के पास से 2 पिस्टल भी बरामद हुई। उसका साथी फरार हो गया, जिसे पकड़ने के लिए पुलिस पीछा कर रही है।
परवेज 2018 से था फरार
अंडरवर्ल्ड डॉन खान मुबारक के इशारे पर गोलियां बरसाने वाला परवेज अक्टूबर 2018 में अंबेडरनगर जिले के BSP नेता जुगाराम मेंहदी की हत्या करके फरार हुआ था। इसके बाद पुलिस ने उस पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया था।
परवेज अंबेडकरनगर के मखदूमनगर का रहने वाला था। STF गोरखपुर यूनिट के डिप्टी SP धर्मेश कुमार शाही और निरीक्षक सत्य प्रकाश सिंह ने बताया कि परवेज मखदूमनगर में कई हत्याओं के मामले में मोस्ट वांटेड था।
नकली नोटों के कारोबार का बादशाह
अंडर वर्ल्ड डॉन छोटा राजन व खान मुबारक का दाहिना हाथ कहा जाने वाला परवेज नेपाल वाया गोरखपुर नकली नोटों के कारोबार का भी बादशाह कहा जाता था। ये नोट पाकिस्तान से आने पर वाया नेपाल वह पूरे देश भेजता था।
परवेज के इस काम में गोरखपुर के कई बदमाश और सफेदपोश भी शामिल थे। गोरखपुर में उसने किसी अपराधिक वारदात को अंजाम नहीं दिया, लेकिन यहां के कुछ सफेदपोश जरूर उसके संपर्क में थे। यहां कोई मामला दर्ज नहीं था इसलिए वह बेखौफ धूमता था।
गोरखपुर के सफेदपोश देते थे पनाह
परवेज को गोरखपुर में उसे सफेदपोश साथी पनाह भी देते थे। STF को इसकी जानकारी काफी दिनों से थी। वह कई महीनों से STF की रडार पर था। दो दिन पहले उसने नेपाल के रास्ते देश की सीमा में कदम रखा। उसी वक्त से उसे ट्रेस किया जा रहा था। पहले तो उसने कैंपियर गंज इलाके में पनाह ली।