गोरखपुर के सरकारी अस्पताल में प्रसव के दौरान डॉक्टरों की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। सीएचसी के लेबर रूम में प्रसव पीड़ा से गर्भवती की मौत हो गई। इसकी भनक लगते ही डॉक्टर व कर्मचारी लेबर रूम में गर्भवती का शव छोड़कर फरार हो गए। उन्होंने परिजनों को घटना की सूचना तक नहीं दी। लेबर रूम के बाहर खड़े परिजनों को इसकी जानकारी काफी देर बाद हुई। गर्भवती का शव देखकर परिजन भड़क गए। वह हंगामा करने लगे। परिजनों ने महिला डॉक्टर और नर्सों की कथित लापरवाही बताते हुए अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
सहजनवा के वार्ड नंबर 10 लुचूई निवासी मनमोहन वर्मा की पत्नी ममता (32 वर्ष) गर्भवती थी। उसकी चार वर्ष की बेटी है। यह दूसरा गर्भ था। बीते नौ महीने से उसका समय-समय पर इलाज सीएचसी पर चल रहा था। सोमवार की सुबह प्रसव पीड़ा होने पर सीएचसी पर भर्ती कराया गया। अस्पताल में मौजूद डॉक्टर ने इलाज शुरू किया। कुछ देर बाद ही डॉक्टर ने उसे लेबर रूम में शिफ्ट कर दिया। परिजन लेबर रूम के बाहर इंतजार करने लगे। करीब आठ घंटे बीत जाने के बावजूद लेबर रूम के स्टाफ व डॉक्टर ने परिजनों को कोई सूचना नहीं दी। शाम होते ही लेबर रूम में मौजूद सभी स्टाफ और डॉक्टर एक-एक कर निकल गए।
परिजनों को मिली लाश
लेबर रूम से एक-एक कर स्टॉफ और डॉक्टर के जाने से परिजनों का माथा ठनक गया। शाम को कुछ महिला परिजन लेबर रूम में एंट्री की। वहां का नजारा देखकर वह हैरान रह गई। लेबर रूम में गर्भवती की मौत हो चुकी थी। उसका शव लेबर रूम में बेड पर पड़ा था। डॉक्टर ने प्रसव नहीं कराया था। इसके बाद तो परिजन हंगामा करने लगे। महिलाएं रोने -बिलखने लगी। किसी ने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर एसडीएम सुरेश कुमार राय और थानेदार भी पहुंचे।
पति ने दी तहरीर
पति ने इस मामले में पुलिस को अस्पतालकर्मियों के खिलाफ तहरीर दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि लेबर रूम में जाने पर यह जानकारी हुई कि पत्नी की मौत हो चुकी है। डॉक्टर ने कोई सूचना नहीं दी। डॉक्टर के भाग जाने की वजह से गर्भस्थ शिशु की जानकारी नहीं मिल पाई कि वह जीवित है या मृत। इस मौके पर सीएचसी के सभी जिम्मेदार डाक्टर गायब थे ।