बिहार के गोपालगंज के खजूरबानी में जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत मामले में 9 लोगों को फांसी की सजा पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि यह गड़बड़ करने वालों के लिए एक सबक होगा। एक संदेश जाएगा और लोग गड़बड़ करने से बचेंगे।
टीपीएस कॉलेज के कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री मीडिया से मुखातिब मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी कानून को लेकर पुलिस और उत्पाद विभाग के आला अधिकारी प्रतिदिन इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। जो भी गड़बड़ करता है उस पर कार्रवाई होती है।
बता दें कि प्रदेश के गोपालगंज जिले के चर्चित खजूरबानी जहरीली शराबकांड में शुक्रवार को 13 में से नौ दोषियों को फांसी और चार महिलाओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। एडीजे-2 सह स्पेशल जज (उत्पाद) लवकुश कुमार की कोर्ट ने चारों महिलाओं को आजीवन कारावास के साथ दस-दस लाख रुपये के अर्थदंड की भी सजा सुनाई है।
बिहार के बहुचर्चित खजूरबानी जहरीली शराबकांड में करीब साढ़े चार वर्षों तक चले मुकदमे में अभियोजन पक्ष से सात और बचाव पक्ष की ओर से एक की गवाही हुई। 26 फरवरी को 14 में से 13 लोगों को दोषी ठहराया गया था। एक आरोपित ग्रहण पासी की पहले ही मौत हो चुकी है।
बिहार में पहली बार जहरीली शराबकांड में फांसी की सजा
खजूरबानी जहरीली शराब कांड में बिहार में पहली बार किसी कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। इसके पूर्व अलग-अलग जिलों में शराब की बरामदगी के मामले में आरोपितों को अधिकतम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
जानें खजुरबानी कांड के बारे में
बता दें कि अगस्त 2016 को गोपालगंज के नगर थाने के खजूरबानी में जहरीली शराब पीने से जहां 19 लोगों की मौत हो गई थी वहीं 10-12 लोगों ने अपनी आंखों की रोशनी गंवा दी थी। मामले मे पुलिस ने छापेमारी कर खजूरबानी में भारी मात्रा में जहरीली शराब बरामद की थी। शराब बरामदगी के बाद नगर थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष बीपी आलोक के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस के आरोप पत्र दाखिल किए जाने के बाद सुनवाई शुरू हुई। इस मामले में 14 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। खजूरबानी कांड के बाद नगर थाने के सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। बाद में राज्य सरकार ने उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया। हालांकि पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी के आदेश को चार फरवरी 2021 को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था।