अशोक कुमार गुप्ता सम्पादक,लखनऊ। सच्चाई कड़वी होती है उसे हजम करने में तकलीफ होती है यह कहावत भाजपा और बसपा पर लागू होता है क्योंकि ये अपराधमुक्त राजनीति की बात करते है और अबसे ज्यादा अपराधियो को टिकट भी देती है । उत्तर प्रदेश में अखिलेश ने शिवपाल के चहेते मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद को पॉर्टी से निकलकर जो परिवारिक विवाद झेला उसे ईमानदारी से मीडिया को बताना चाहिए था । लेकिन उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच’ तथा ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ ने जो रिपोर्ट सौंपी उसमे सपा गुंडों को टिकट देने में सतर्कता बरती है । भाजपा और बसपा अपराधियो को सबसे ज्यादा उम्मीदवार बनाया ।
पहला और दूसरा चरण का मतदान हो चूका है तीसरा चरण रविवार को होगा, जिसके लिए कुल 250 करोड़पति उम्मीदवार मैदान में हैं. तीसरे दौर में 110 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं. ‘उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच’ तथा ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) ने तीसरे चरण के चुनाव में खड़े 105 राजनीतिक दलों के 826 उम्मीदवारों में से 813 के हलफनामों का विश्लेषण किया है. इन 105 दलों में 6 मान्यताप्राप्त दल, 7 क्षेत्रीय दल और 92 दल गैरमान्यता प्राप्त दल हैं. चुनाव में 225 निर्दलीय प्रत्याशी भी खड़े हैं.
दिल्ली स्थित एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि 813 प्रत्याशियों में से 250 प्रत्याशी (31 फीसदी) करोड़पति हैं. बसपा के 67 प्रत्याशियों में से 56 प्रत्याशी, भाजपा के 68 प्रत्याशियों में से 61, सपा के 59 में से 51, कांग्रेस के 14 में से 7, रालोद के 40 में से 13 और 225 निर्दलीयों में से 24 प्रत्याशियों ने एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में अपनी किस्मत आजमा रहे प्रत्याशियों की औसत संपत्ति 1.61 करोड़ रुपये की है. इसमें कहा गया है कि कुल 208 प्रत्याशियों ने अपने पैन का ब्यौरा नहीं दिया है.
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि जिन 813 प्रत्याशियों के हलफनामों का विश्लेषण किया गया है, उनमें से 110 (14 फीसदी) ने बताया है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं. इसमें कहा गया है कि 82 प्रत्याशियों के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, आपराधिक मामले वाले इन 110 प्रत्याशियों में से 21 भाजपा के, 21 बसपा के, पांच रालोद के, 13 सपा के, पांच कांग्रेस के और 13 निर्दलीय हैं.
गौरतलब हो कि एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक बसपा ने 66 रईस उम्मीदवार, बीजेपी ने 61, समाजवादी पार्टी ने 40 उम्मीदवार और कांग्रेस ने 18 उम्मीदवार रईस उम्मीदवार उत्तर प्रदेश की चुनाव के लिए उतारे है। वहीं दागियों नेताओं में बीजेपी सभी पार्टियों से आगे निकलते हुए 29 उम्मीदवार, बसपा ने 38 उम्मीदवार, कांग्रेस ने 6 उम्मीदवार औऱ समाजवादी पार्टी ने 6 उम्मीदवार उतारे हैं।
प्रथम चरण
यूपी इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक रिफॉमर्स ने अपनी रिपोर्ट जारी की है। जिसके मुताबिक यूपी में पहले चरण के आपराधिक रिकॉर्ड वाले 168 उम्मीदवार, हत्या के मामले से जुड़े 15 उम्मीदवार और हत्या के प्रयास वाले 42 उम्मीदवारों को शामिल किया गया है। एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवार बीजेपी पार्टी से उतारे गये है। वहीं बीजेपी की तुलना में बसपा ने इस चुनावी रणभूमि में रईस उम्मीदवार खड़े किये है।
द्वितीय चरण
यूपी इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक रिफॉमर्स ने अपनी रिपोर्ट के मुताबिक़ द्वितीय चरण के आपराधिक रिकॉर्ड वाले 84 उम्मीदवार, हत्या , हत्या के प्रयास वाले उम्मीदवारों को शामिल किया गया है। एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार सबसे सबसे ज्यादा अपराधिक रिकार्ड वाले प्रत्याशी सपा काग्रेस गठ्बन्धन ने 69 सिटो पर 37 बीएसपी 25और बीजेपी ने 16 को मैदान में उतारा है है।