पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति से संबंधित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच अब उनकी बेनामी संपत्तियों पर केंद्रित हो गई है। कस्टडी रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद गायत्री सोमवार को वापस जेल में दाखिल कर दिए गए। ईडी के लखनऊ जोन कार्यालय ने तीन दिनों तक मैराथन पूछताछ कर कई अहम जानकारियां हासिल की हैं।
आय से अधिक संपत्ति और खनन घोटाले में फंसे गायत्री से दस्तावेजों में मिलीं उनकी संपत्तियों, परिवार के सदस्यों के नाम पर पंजीकृत कंपनियों और करीबियों के नाम पर खरीदी गई बेनामी संपत्तियों के बारे में गहन पूछताछ की गई है। साथ ही उनके ड्राइवर, घरेलू नौकर व कंपनी के मैनेजर समेत कई ऐसे व्यक्तियों से आमना-सामना कराते हुए सवाल किए गए, जिनके बारे में वह जानकारी होने से इनकार करते रहे हैं। गायत्री व उनके बेटे अनुराग प्रजापति के तीन चार्टर्ड एकाउंटेंट्स का भी बयान दर्ज किया गया। तीनों ने कंपनियों के इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) व बैंलेंस शीट भी ईडी को दी।
पूछताछ में ईडी को गायत्री के परिवार की संपत्तियों से जुड़े दस्तावेजों, बेनामी संपत्तियों और संदिग्ध लेन-देन के बारे में जानकारी मिली है। अब ईडी अपनी जांच बेनामी संपत्तियों पर केंद्रित करने जा रहा है। जांच में पता चला है कि गायत्री ने अपने करीबियों सहायकों के नाम से संपत्तियां खरीदी हैं। पांच शहरों लखनऊ, कानपुर, अमेठी व सुलतानपुर के अलावा मुंबई (महाराष्ट्र) में खरीदी गई संपत्तियों के बारे में भी तस्वीर साफ हो गई है।