खुले में पड़ा है 14 लाख मीट्रिक टन धान

 आम आदमी पार्टी की प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम धान संग्रहण केंद्रों में धान को सड़ने से बचाने व्यवस्था सुनिश्चित करने करने कलेक्टर व अनुविभागीय अधिकारियों के माध्यम से ज्ञापन सौंपा जा रहा है। प्रदेश संगठन मंत्री प्रफुल्ल सिंह बैस ने का कहना है कि बारिश का मौसम आने वाला है और अभी भी पिछले वर्ष खरीदे गए 14 लाख मीट्रिक टन धान खुले में पड़ा है।

राज्य सरकार द्वारा प्रतिवर्ष राज्य के पंजीकृत किसानों से खरीफ़ सीजन में लाखों टन धान की खरीदी कर उनका संग्रहण खुले आसमान के नीचे किया जाता है। संग्रहण केंद्रों में धान की भूसी की मोटी परत पर धान की छल्ली लगाई जाती है, जिसे प्लास्टिक से ढंक दिया जाता है। धान संग्रहण केंद्रों का स्थान चयन करने के समय इस बात का ध्यान नहीं रखा जाता कि कहीं वहां बारिश के समय जल भराव तो नहीं होता।

इससे बारिश में धान की छल्ली की नीचे की परतें भीगकर खराब हो जाती हैं। इससे धान भी खराब होता है। सड़ा हुआ धान राइस मिलरों के किसी काम का नहां होता और शराब निर्माण के अलावा इसका कोई उपयोग भी नहीं होता। ऐसे में टेंडर के माध्यम से इसकी बिक्री शराब निर्माताओं को कौड़ियों के दाम की जाती है, जिससे प्रतिवर्ष लगभग 150 करोड़ राजस्व की क्षति राज्य सरकार को होती है।

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