एसटीएफ ने जो सेमीआटोमेटिक राइफल बरामद की है, वह बिकरू कांड में जेल गए आरोपित शिव तिवारी निवासी बसेन गांव चौबेपुर के नाम लाइसेंस पर दर्ज है। इसके अलावा विकास दुबे के भाई दीपू दुबे के नाम पर एक और सेमीआटोमेटिक राइफल थी, जिसकी अभी तलाश की जा रही है।
एक और तथ्य का खुलासा हुआ है कि बिकरू कांड में दो सेमीआटोमेटिक राइफल का प्रयोग हुआ था। जिसमें एक राइफल विकास दुबे ने भी चलाई थी। एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक बरामद हुई यह राइफल वही है इसकी जानकारी नहीं हो पाई है। हालांकि विकास के भाई दीपू के सरेंडर के बाद उसने पूछताछ में यह तथ्य कबूला था कि एक सेमीआटोमेटिक राइफल उसकी है, जो कि विकास दुबे ने अपने पास रख ली थी।
सेमीआटोमेटिक राइफल को लेकर एक और विवाद
शिव तिवारी की बरामद सेमीआटोमेटिक राइफल को लेकर एक विवाद पैदा हो गया है। एसटीएफ अधिकारियों का कहना है कि इस राइफल का लाइसेंस उसने शिवली के पते से बनवाया है। वहीं चौबेपुर पुलिस का कहना है कि लाइसेंस की रिपोर्ट चौबेपुर थाने से लगाई गई थी और वह सिर्फ एक राइफल का लाइसेंस था। ऐसे में सेमीआटोमेटिक लाइसेंस में कैसे दर्ज हुई इसकी जानकारी पुलिस को भी नहीं है।
एक प्लाटून पीएसी से भी लिया जा सकता था मोर्चा
एसटीएफ अधिकारियों का कहना है कि बिकरू में घटना वाली रात अकेले सेमीआटोमेटिक राइफल के एक हजार से ज्यादा कारतूस विकास दुबे के पास मौजूद थे। जिससे वह एक प्लाटून पीएसी से भी मोर्चा ले सकता था। अन्य बोर के सैकड़ों कारतूस थे। इनमें सौ से ज्यादा दागे गए। जिससे पुलिसकर्मी शहीद व घायल हुए।
गाड़ी में रखने के लिए कटवा दी थी बट
एसटीएफ ने जो सेमीआटोमेटिक राइफल बरामद की है, उसकी बट आधी कटवाकर उसे माडिफाई कराया गया था। एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक कार में आसानी से राइफल आ जाए, इसके लिए इसकी बट को कटवाकर छोटा कराया गया था।
मोबाइल फोन खोलेंगे कई और राज
विकास अमर और प्रभात के मोबाइल फोन एसटीएफ ने कब्जे में ले लिए हैं। तीनों फोन पासवर्ड प्रोटेक्टेड हैं। जिन्हें खोलने का प्रयास फिलहाल एसटीएफ द्वारा नहीं किया गया है। एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि तीनों मोबाइल को फोरेंसिक स्क्रिनिंग के लिए भेजा जाएगा। तीनों आरोपितों के मोबाइल फोन से बहुत से ऐसे राज और सामने आएंगे, जिससे बिकरू कांड को लेकर और भी कई तथ्य उजागर होंगे।
शिव ने बनवाया रायफल का लाइसेंस
सेमी-आटोमेटिक रायफल का लाइसेंस शिव तिवारी ने अपने शिवली स्थित निवास के पते पर बनवाया था। इसका इस्तेमाल भी घटना वाली रात को किया गया था। पुलिस से इस मामले में जानकारी ली जाएगी।
टीबी सिंह, डिप्टी एसपी एसटीएफ
बसेन के पते पर बना लाइसेंस
शिव तिवारी का लाइसेंस बसेन गांव चौबेपुर स्थित उसके निवास के पते से बनवाया गया था। यह एक राइफल का लाइसेंस है। जिसकी कैंसिलेशन रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। रायफल के लाइसेंस में सेमी-आटोमेटिक राइफल का जिक्र लाइसेंस में नहीं है।
कृष्णमोहन राय, इंस्पेक्टर चौबेपुर