अशोक कुमार गुप्ता : जुलाई में निकायों (नगर निगम,नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत ) का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, प्रदेश में भाजपा की प्रचंड बहुमत की सरकार बन चुकी है भाजपा हर हाल में चाहेगी कि निकाय चुनाव समय पर करा लिया जाए ताकि प्रसाशक नियुक्त करना न पड़े। सरकार की तरफ से अभी कोई चुनाव के सम्बन्ध में विभागों को निर्देश नही दी गई है । लेकिन अधिकारियो को यह अंदेशा सता रहा है कि जल्द शासन आदेश देगा और समय पर चुनाव किसीभी कीमत पर कराई जाए ।इसी लिए नगर विकास विभाग परिसीमन की प्रक्रिया तेज कर दी है । राज्य निर्वाचन आयोग भी तैयारियों में जुट गई है ।
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निकाय चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी की अर्हताएं क्या हैं, इसे लेकर प्रत्याशियों के बीच भ्रम की स्थिति है। इसको स्पष्ट करते हुए चुनाव आयोग कार्यालय ने बताया कि प्रत्याशी को भारतीय नागरिक होना चाहिए। नगर निगम, निकाय क्षेत्र का मतदाता होना जरूरी है। पार्षद पद के लिए एक प्रत्याशी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष और अध्यक्ष तथा मेयर पद के प्रत्याशी की उम्र 30 वर्ष निर्धारित है।ड्ढr नामांकन के समय प्रत्याशी के साथ दो समर्थक व दो प्रस्तावक संबंधित वार्ड का होना जरूरी है। एक वार्ड का मतदाता दूसरे वार्ड का चुनाव लड़ सकता है, लेकिन प्रस्तावक उसी वार्ड का होना जरूरी है। एक व्यक्ित मेयर और वार्ड दोनों पदों पर चुनाव लड़ सकता है। एक प्रत्याशी को स्वघोषणा पत्र में संपत्ति समेत मांगे गये अन्य ब्योरे देना जरूरी है। इसके लिए शपथ पत्र देना पड़ेगा। नगर पर्षद और नगर पंचायत के वार्ड पार्षद, उपाध्यक्ष और अध्यक्ष को 250 रुपये जमानत राशि जमा करानी होगी, जबकि आरक्षित कोटे के प्रत्याशी को 125 रुपये देने होंगे। नगर निगम के चुनाव में वार्ड पार्षद, उपमहापौर व महापौर के लिए जमानत राशि पांच सौ रुपये निर्धारित किये गये हैं। आरक्षण की स्थिति में 250 रुपये जमानत राशि जमा करानी होगी। आवासीय प्रमाण पत्र, आचरण प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है। नगर निगम से एनओसी की भी जरूरत नहीं है। मतदाता सूची में नाम होना जरूरी है। आरक्षित सीट से चुनाव लड़ रहे हों, तो जाति प्रमाण पत्र देना जरूरी होगा।