शनिवार देर रात से लेकर रविवार भोर तक पड़े पाले के चलते लोगों को रविवार सुबह हल्की बारिश का अहसास हुआ। शहरी क्षेत्रों में छत व भूमि आदि गीली हो जाने के चलते बारिश का अहसास हो रहा था। ग्रामीण क्षेत्रों में भी कमोवेश यही स्थिति थी। सुबह होने के साथ ही घने कोहरे का दौर शुरू हो गया। कोहरा इतना ज्यादा था कि सड़कों पर चलना कठिन हो गया था।
कई वाहन चालकों ने अपने-अपने वाहन अकबरपुर-फैजाबाद, बसखारी-अकबरपुर, तथा टांडा-अकबरपुर मार्ग पर जहां तहां खड़े कर दिए थे। अन्य चालक काफी धीमी गति में लाइट जलाकर आगे बढ़ने का जोखिम मोल ले रहे थे। दोपहर के करीब कोहरा छंटा तो भी कड़ाके की ठंड के चलते ठिठुरन का दौर बना रहा। बाजारों में दिखने वाली चहल-पहल नदारद थी।
जिला मुख्यालय पर दुकानदारों ने अपने-अपने प्रतिष्ठान तो खोल दिए थे लेकिन घंटों तक उन्हें ग्राहकों का ही इंतजार बना रहा। यही हाल ग्रामीण क्षेत्र के भी बाजारों का भी रहा। जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक लोग दिनभर अलाव के सहारे ठंड से बचने का प्रयास करते नजर आए।
प्रशासन ने यूं तो अलाव जलवाने का प्रबंध कई जगहों पर किया है लेकिन फिर भी वह पर्याप्त साबित नहीं हो रहा। नतीजतन ठंड के इस दौर में समुचित अलाव न जलना भी आम लोगों पर भारी पड़ रहा है। उधर किसानों ने तेजी से बदलते मौसम को लेकर चिंता जतायी है। अकबरपुर के किसान सियाराम व जगत ने कहा कि यदि पाले का यही दौर आगे भी जारी रहा तो आलू, मटर, सरसों व अरहर जैसी फसलों को काफी नुकसान होगा।