Yaas Cyclone: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को चक्रवाती तूफान यास के प्रभाव की समीक्षा करने के लिए ओडिशा और पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं। पीएम मोदी सुबह 9 बजे दिल्ली से रवाना हुए और करीब 11 बजे भुवनेश्वर में बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक समेत तमाम बड़े अधिकारी मौजूद रहे। प्रभावित जिलों का हवाई सर्वे करने के बाद पीएम कोलकाता पहुंच गए हैं। पीएम के बंगाल पहुंचने से पहले ही वहां विवाद की स्थिति है और इसके केंद्र में है शुवेंदू अधिकारी।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद यह पहला मौका है जब पीएम मोदी और ममत बनर्जी का आमना-सामना होने जा रहा है। इस बैठक से पहले तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने कहा है कि यदि पीएम मोदी के साथ होने वाली बैठक में शुवेंदू अधिकारी भी मौजूद रहते हैं तो ममता बनर्जी इस बैठक का हिस्सा नहीं बनेंगी। दरअसल, शुवेंदू अधिकारी को 13 मई को नेता प्रतिपक्ष मान लिया गया है, लेकिन टीएमसी को इसकी जानकारी नहीं है। यही कारण है कि उसने बैठक में शिवेंदू के होने के विरोध किया। हालांकि अब विधानसभा अध्यक्ष ने साफ कर दिया है कि उन्होंने ही शुवेंदू अधिकारी को नेता प्रतिपक्ष का अधिकार दिया है।
बता दें, चक्रवाती तूफान यास ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में जमकर कहर बरसाया है। पीएम मोदी चक्रवात यास से हुए नुकसान का जायजा ले रहरे हैं।
इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में चक्रवात यास के प्रभाव की समीक्षा के लिए एक बैठक की। अधिकारियों ने तैयारियों के विभिन्न पहलुओं, नुकसान के आकलन और संबंधित मामलों पर विस्तार से जानकारी साझा की। बैठक में बताया गया कि पश्चिम बंगाल और ओडिशा में 46 टीमों के साथ एनडीआरएफ की लगभग 106 टीमों को तैनात किया गया। इन्होंने एक हजार से ज्यादा व्यक्तियों को बचाया और 2500 से अधिक पेड़ों और पोलों को हटाया, जो सड़कों पर गिरे और बाधित हुए थे।