केंद्र सरकार ने कोरोना से लड़ाई के लिए 60000 करोड़ रुपये का फंड तैयार किया है. 30000 करोड़ रुपये पहले से स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड (एसडीआरएफ) में जमा है. इतनी ही रकम वित्त वर्ष 2020-21 में आपदा से राहत के लिए आवंटित कर दी गई है. यह प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा होने वाली रकम से अलग है.
हर साल राज्यों को राहत और पुनर्वास जैसे कामों के लिए फंड मिलता है. यह पैसा एसडीआरएफ में जमा होता है. चूंकि, यह फंड लैप्स नहीं होता है, इसलिए यह बढ़ता रहता है. नेशनल डिजास्टर रिलीफ फंड भी लैप्स नहीं करता है ..
2016-17 से सरकार ने डिजास्टर एंड रिलीफ फंड में 80000 करोड़ रुपये का आंवटन किया है. इसमें से 50,000 करोड़ रुपये का आवंटन एसडीआरएफ में किया गया है. 30,000 करोड़ रुपये का आवंटन एनडीआरएफ में किया गया है.
गृह मंत्रालय ने 14 मार्च को जारी आदेश में कोविड-19 को डिजास्टर घोषित किया था. इसका मकसद इसे रोकने के लिए एसडीआरएफ का इस्तेमाल करना था. मंत्रालय ने एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के पैसे के इस्तेमाल के लिए जरूरी चीजों की सूची भी जारी की थी. पिछले साल केंद्र सरकार ने एसडीआरएफ के लिए 13,465 करोड़ रुपये का आवंटन किया था. इसके अलावा केंद्र ने एनडीआरएफ के तहत आठ राज्यों को आवंटन किया था. इनमें महाराष्ट्र, कर्नाटक, ओडिशा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, बिहार और आंध्र प्रदेश शामिल थे. इन्हें बाढ़ के हालात से निपटने के लिए यह रकम दी गई थी. सरकार ने दिल्ली से घर जाने के लिए सड़कों पर निकले हजारों कामगारों के लिए ठहरने, खाने-पीने और इलाज के इंतजाम करने के लिए एसडीआरएफ के पैसे का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया था. केंद्र सरकार ने कहा है कि कोरोना से लड़ाई में किसी राज्य को पैसे की कमी आड़े नहीं आएगी. उसने कहा है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सिर्फ लॉकडाउन के पालन पर जोर देना होगा.sb et