कोरोना बाहर से आने वाली बीमारी है। ऐसे में इससे जितनी सतर्कता बरती जाए वही बेहतर है। शिवपुर निवासी जितेंद्र 11 दिन तक अस्पताल में कोरोना से जंग लड़ने के बाद अब फिट होकर अपने घर पहुंच गया है। मंगलवार दोपहर बाद घर पहुंचे जितेंद्र ने अमर उजाला से फोन पर बातचीत में कहा कि अस्पताल में उन्हें डॉक्टरों के साथ-साथ पैरामेडिकल स्टाफ का भी पूरा सपोर्ट मिला। उसने बताया कि वह घर जरूर पहुंच गया लेकिन किसी से 14 दिनों तक नहीं मिलेगा। अपने नवजात बच्चे को भी 14 दिन बाद ही देखेगा।
पत्नी की डिलीवरी के लिए बॉस से मांगी थी छुट्टी
जितेंद्र ने बताया कि वह तो पत्नी की डिलिवरी के लिए दुबई से वाराणसी आ रहा था। इसके लिए पहले से ही बॉस से छुट्टी ली थी। क्या पता था कि कोरोना का संक्रमण उसे भी अपनी जद में ले लेगा। बताया कि वाराणसी एयरपोर्ट पर आने के बाद भी उसे किसी तरह की कोई परेशानी नहीं थी। बाद में गले में खरास हुई थी तो डॉक्टर को बता दिया। दुबई से घर आने के बाद उसने खुद को क्वारंटीन कर लिया था।
लॉकडाउन से बेहतर कोई विकल्प नहीं
जितेंद्र का कहना है कि कोरोना केवल देश ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर एक बड़ी महामारी का रूप ले चुका है। ऐसे में जिस तरह से लॉकडाउन किया गया है और लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की जा रही है तो इसको सभी को गंभीरता से लेना चाहिए। इससे बेहतर कोई और विकल्प नही है।
तबीयत जब ठीक नही हुई तो फिर 27 मार्च को जितेंद्र ने खुद ही दीनदयाल अस्पताल जाकर अपना सैंपल दिया। 28 मार्च को रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो उसे आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया। 11 दिन में अब उसकी लगातार दो रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद मंगलवार को अस्पताल से उसकी छुट्टी हो गई है। फिलहाल घर पर भी उसकी निगरानी होती रहेगी, जिससे कि किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो। सीएमओ डॉक्टर वीबी सिंह ने बताया कि जितेंद्र को अस्पताल से डिस्चार्ज तो कर दिया गया है लेकिन डाक्टरों की टीम उसकी मोनिटरिंग करती रहेगी।