योगी सरकार ने प्रदेश के हर जिले के गांव तथा शहर में क्वारंटाइन सेन्टर बनाने के निर्देश दिए हैं। ताकि प्रवासियों को इन सेन्टरों में रखा जा सके। अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इन सेन्टरों में मूलभूत सुविधायों के साथ-साथ खाने पीने के व्यवस्था होगी। प्रत्येक जिले के जिलाधिकारी अपने स्तर से प्रदेश के बाहर से आने वाले लोगों को इन सेन्टरों में खाने व ठहराने की व्यवस्था करेंगे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने कंटेनमेंट जोन में प्रभावी नियंत्रण करने के निर्देश दिए है।
सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने टीम-11 के साथ समीक्षा बैठक में सबंधित विभागों के अधिकारियों को आरटीपीसीआर के टेस्ट में और अधिक वृद्धि के निर्देश दिए है। इस समय करीब एक लाख आरटीपीसीआर के टेस्ट हो रहे है। इसको बढ़ाकर 1.50 लाख टेस्ट प्रतिदिन किए जाने के निर्देश दिए हैं। जिसमें लगभग आरटीपीसीआर के टेस्ट 1.50 लाख से अधिक किए जाने तथा शेष टेस्ट एन्टीजन से किए जाएंगें। इस प्रकार लगभग 2.50 लाख टेस्ट प्रतिदिन होगें। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर तथा वाराणसी में कोविड संक्रमण को देखते हुए बेडों की संख्या को बढ़ाने के निर्देश पर बेडों की संख्या में बढ़ोत्तरी की गई है।
गेहूं खरीद की प्रक्रिया तेजी से जारी- सहगल
सहगल ने बताया कि राज्य सरकार किसानों के हितों के लिए कृतसंकल्प है और किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी फसल को खरीदे जाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद किए जाने के लिए 6000 क्रय केन्द्र स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि एक नई व्यवस्था के तहत कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को भी क्रय केन्द्र खोलने की अनुमति दी गई है। उन्होंने बताया कि किसान उत्पादक संगठन 150 केन्द्रों के माध्यम से संचालित किया जाएगा। उन्होंने जिलाधिकारियों के द्वारा कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को भी क्रय केन्द्रों से जोड़कर गेहूं क्रय का कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है। यह व्यवस्था प्रदेश में पहली बार हो रही है।
उन्होंने बताया कि पहली अप्रैल से जारी गेहू खरीद का अभियान 15 जून तक जारी रहेगा। गेहूं क्रय अभियान में अब तक 1,79,933.23 टन से अधिक गेहूं खरीदा गया है। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को गेहूं क्रय केन्द्रों का लगातार स्वयं या अपने अधीनस्थ अधिकारियों के माध्यम से निरीक्षण करने के निर्देश दिए है। यह भी कहा है कि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने बताया कि किसानों की सुविधा के लिए इस वर्ष ऑनलाइन टोकन की व्यवस्था की गई है। किसान अपनी सुविधा के अनुसार अपने राजस्व ग्राम से सम्बद्ध नजदीकी क्रय केन्द्र पर गेहूं बेचने के लिए टोकन स्वयं आनलाइन प्राप्त कर सकते है। इसके अलावा क्रय केन्द्रों पर बिना टोकन के भी किसानों से गेहूं की खरीद की जा रही है।