मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए विकास आयुक्त आमिर सुबहानी ने बताया कि तीन लाख कोरोना के सक्रिय मरीजों का ही अनुमान कर राज्य में डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ, नर्स, लैब टेक्नीशियन व अन्य कर्मियों की एक वर्ष के लिए बहाली संविदा पर की जाएगी। इन्हें एक वर्ष के अनुभव का प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा। डॉक्टरों में एलोपैथिक, आयुष व डेंटल डॉक्टरों को भी शामिल किया जाएगा। डेंटल डॉक्टरों को भी सामान्य चिकित्सा की जानकारी दी जाती है।
डॉक्टरों की सुरक्षा की होगी व्यवस्था
विकास आयुक्त आमिर सुबहानी ने कहा कि अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए डीएम के स्तर पर कार्रवाई की जाएगी। महामारी को रोकने के लिए सरकार द्वारा जारी आदेश का अक्षरश: पालन होगा। जो कोई भी सरकार के इस आदेश का उल्लंघन करेगा, उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू रहेगी। आपदा प्रबंधन समूह के सभी निर्णय का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। आदेश का पालन नहीं करने वालों या बिना ठोस कारण घर से बाहर निकलने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
माइक से आम जनता को उनके क्षेत्र में कोरोना मरीजों की संख्या बताई जाएगी
कोरोना से बचाव के लिए माइकिंग से प्रचार किया जाएगा। इस दौरान आमलोगों को उस क्षेत्र में कोरोना संक्रमितों की संख्या की भी बताई जाएगी। लोगों को बताया जाएगा कि वे कोरोना से बचाव करें और उस इलाके में इतने व्यक्ति संक्रमित हो चुके हैं। राज्य के ग्रामीण इलाकों में सभी जिलों में कोरोना के प्रोटोकॉल के पालन किए जाने की सलाह और संक्रमितों के इलाज को लेकर तुरंत डॉक्टरों के संपर्क में आने और दिए गए सुझावों के पालन करने की जानकारी दी जा रही है।